10 साल बाद गोपाल व उसके बच्चों का बना जाति प्रमाण पत्र

धमतरी ,02 जून । मुख्यमंत्री बघेल प्रदेशवासियों की समस्याओं पर हमेशा से ही संवेदनशीलतापूर्वक विचार कर उनके लिए नियम-कानूनों को शिथिल करते रहे है। प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग सहित जरूरतमंद लोगों को अपने जाति प्रमाण पत्र बनवाने में दिक्कत आती थी, क्योंकि जाति प्रमाण पत्र बनावाने के लिए आवेदक के पास पासपोर्ट साईज फोटो, आधार कार्ड, राशनकार्ड, मार्कशीट, दाखिल खरिज 1984 से पहले का, पटवारी प्रतिवेदन फार्म आय प्रमाण पत्र और मिसल बंदोबस्त की जरूरत पड़ती थी।

वहीं मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान भी जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को और अधिक सरलीकृत करने की लगातार मांग जनता से आती थी। इन्ही जटिल प्रक्रियाओं और आम जनता की परेशानियों को दृष्टिगत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जाति प्रमाण पत्र बनाने नियमों को शिथिल किया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग सहित जरूरतमंद लोगों को जाति प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक मिसल न होने पर भी ग्राम सभा से पारित प्रस्ताव और अनुमोदन के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनाए जा सकते है।

धमतरी शहर के रिसाईपारा पश्चिम में रहने वाले गोपाल महार बताते हैं, कि उनके द्वारा बीते 10 वर्षो से जाति प्रमाण पत्र बनाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन मिसल नहीं होने के कारण नहीं बन पा रहा था। ज्ञात हो कि पूर्व में जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु मिसल की आवश्यकता होती थी, मिसल नहीं होने के कारण गोपाल का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन सकता, जिसके कारण उसने कभी भी आरक्षित वर्ग से सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे।

मुख्यमंत्री द्वारा जाति प्रमाण पत्र के लिए दी गयी रियायत से अब गोपाल और उसके बच्चों का जाति प्रमाण पत्र आसानी से बन जायेगा, जिससे गोपाल के बच्चे अब आरक्षित वर्ग से शासकीय सेवा हेतु आवेदन कर सकेंगे। वहीं शासन द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति व अन्य सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। आज गोपाल और उसका परिवार जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को शिथिल करने पर मुख्यमंत्री का आभार प्रकट कर कहा कि ’भूपेश है तो भरोसा है, सब संभव है।’