बिलासपुर, 02 जून। सिविल लाइन थाने में शिकायत लेकर बच्चों के साथ आने वाली महिलाओं को अब राहत मिलने लगेगी। यहां पर बच्चों को कानूनी कार्रवाई के दौरान थाने का एहसास नहीं होगा। थाने के सामने खाली जगह पर बच्चों के लिए झूले लगाए गए हैं।
इसके साथ ही यहां महिलाओं के बैठने के लिए अगल व्यवस्था कर दी गई है। यहीं पर महिला अधिकारी पीड़ितों का बयान दर्ज करेंगी। इससे महिलाओं को अपनी बात रखने में सहजता होगी। शुक्रवार को यूनिसेफ की टीम ने सिविल लाइन थाने में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया है।
यूनिसेफऔर काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस संगठन की ओर से निजात अभियान के तहत बच्चों को नशे की लत से उबारने प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को संस्था के सदस्यों ने पुलिस कर्मियों को एक दिन का प्रशिक्षण देकर बच्चों की समस्या और उन्हें नशे की लत से उबारने पुलिस की ओर से किए जाने वाले प्रयासों पर चर्चा कर सुझाव दिए गए।
साथ ही थाने का माहौल बच्चों के लिए कैसा हो इस पर चर्चा की गई। इसके बाद सिविल लाइन थाने में बच्चों के लिए उपलब्ध सुविधाओं में विस्तार किया गया है। शुक्रवार को टीम ने सिविल लाइन थाने का निरीक्षण किया। इस दौरान थानों में बच्चों के लिए झूले और उनके खेलने के लिए लगाए गए अलग अलग सामान को देखा। साथ ही पीड़ित महिलाओं के लिए अलग से कक्ष तैयार किया गया है। इसका भी यूनिसेफ की टीम ने निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने थाने में आए लोगों से बातचीत कर पुलिस के व्यवहार के संबंध में भी जानकारी ली।
संवेदना कक्ष में ही होगा महिलाओं का बयान
थाने में महिला विवेचकों के लिए पहले से अलग कक्ष है। यहां पर महिला संबंधी अपराध की जांच और पीड़ितों के बयान लिए जाते हैं। अब इस कक्ष में महिलाओं के लिए अतिरिक्त सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। यहां महिलाओं के बैठने और उनके साथ आए बच्चों के लिए खिलौने की भी व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त महिलाओं और बच्चों के हिसाब से कक्ष की सजावट भी की गई है। इससे बच्चों और महिलाओं को अपनी बात रखने में सहजता होगी।
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