गौठान से समूह की महिलाएं बनी सक्षम

जांजगीर-चांपा ,30 मई  घर परिवार की जिम्मेदारी के साथ ही तलवा गौठान से जुड़ी समूह की महिलाएं अब अपने पैरों पर खड़ी होने लगी हैं। महिलाओं ने आजीविका गतिविधियों वर्मी कम्पोस्ट, सब्जी उत्पादन, मछलीपालन के कार्यों को करते हुए अपने आपको सक्षम बनाया है और गांव में मिसाल पेश की है। समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत बनकर अपने व अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं।

जिले की जनपद पंचायत जैजैपुर के ग्राम पंचायत छीतापंडरिया के आश्रित ग्राम तलवा में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी सुराजी गांव योजना के माध्यम से गौठान का निर्माण किया गया। जिसमें स्व सहायता समूह को आजीविका गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। तलवा गौठान में नवदुर्गा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष शारदा यादव बताती हैं कि गौठान के पास निर्मित चारागाह में सब्जी उत्पादन का कार्य शुरू किया, जिससे उन्हें आमदनी होने लगी। शुरुआत में 20 हजार रुपए की लागत लगाकर कार्य शुरू किया, जिससे अब तक समूह का 90 हजार रुपए की आमदनी हो गई है। धीरे-धीरे आसपास के सब्जी बाजार में उनकी सब्जियों की मांग बढ़ने लगी।

समूह ने अपने कार्य को बढ़ाने के लिए चारागाह के पास रामसागर तालाब में मछलीपालन का कार्य शुरू किया। समूह की सक्रिय महिला सदस्यों ने मछलीपालन के कार्य को करते हुए 50 हजार रुपए की लागत लगाकर सतत रूप से मछलीपालन का कार्य करते हुए अब तक 1 लाख 60 हजार रूपए की आय अर्जित की। वहीं दूसरे समूह जय मां सरस्वती ने भी सब्जी उत्पादन एवं मछलीपालन कार्य में अपने हाथ अजमाए। आजीविका गतिविधियों से जुड़ते हुए समूह ने सब्जी उत्पादन करते हुए 90 हजार रूपए एवं मछलीपालन कार्य से 15 हजार रुपए आमदनी प्राप्त की। यह समूह अपने परिवार के आर्थिक सहयोगी बने और बच्चों की शिक्षा के अलावा अन्य जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।

महिलाएं बना रहीं वर्मी कम्पोस्ट

गौठान में मॉ मडवारानी स्व सहायता समूह के द्वारा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य किया जा रहा है। समूह द्वारा 1 लाख 66 हजार 608 किलोग्राम गोबर की खरीदी की गई, जिससे 51 हजार 710 किलोग्राम खाद का निर्माण हुआ। इससे समूह का लाभांश के रूप में राशि प्राप्त हुई। गोधन न्याय योजना से जुड़कर पशुपालकों गौठान में ही गोबर बेच रहे हैं। गौठान में सबसे अधिक गोबर अमरीकाबाई ने 20 हजार 613 किलोग्राम बेचा, जिससे उन्हें 41 हजार 226 रुपए की आय प्राप्त हुई। तो वहीं लक्ष्मीबाई शुक्ल ने भी 12 हजार 623 किलोग्राम गोबर बेचकर 25 हजार 246 रुपए अर्जित किये। संतोष यादव ने 10 हजार 388 किलोग्राम गोबर बेचकर 20 हजार 776 रुपए लाभ कमाया। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से पशुपालक बेहद खुश है, और इस योजना को धन्यवाद देते हैं।

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