रायपुर ,30 मई । बच्चों में शील-सदाचार के साथ ही उन्हें मन से मजबूत बनाने के उद्देश्य से आयोजित एक दिवसीय आनापान शिविर में बड़ी संख्या में बच्चों ने हिस्सा लिया। योग टॉवर, गीता नगर में आयोजित एक दिवसीय बाल शिविर में बच्चों को अपने श्वास को महसूस करते और उसे देखते हुए स्वनियंत्रण की विद्या सीखाई गई। बाल शिविर शिक्षक मालती मिश्रा एवं दीपक बोरकर ने बताया कि शिविर में रायपुर, धमतरी समेत आसपास के क्षेत्रों के 8 से 15 वर्ष तक के 40 बच्चों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान बच्चों को आनापान का अभ्यास कराया गया तथा इसे नियमित करने हेतु प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि 10 मिनट आनापान के नियमित अभ्यास से कई मनोविकारों से बच्चों को दूर रखा जा सकता है। इसमें झूठ बोलने की आदत, हिंसा, चुगली जैसे गलत आचरण के प्रति बच्चे सचेत होने लगते हैं और इनसे दूर रह पाते हैं।
उल्लेखनीय है कि विपश्यना ध्यान पद्धति से जीवन सात्विक होता है तथा व्यक्ति मानसिक रूप से अधिक मजबूत होता है। आनापान के माध्यम से व्यक्ति अपने श्वास को देखते हुए अपने अंदर हो रहे बदलावों को जानता है। नियमित अभ्यास के बाद सबसे पहले व्यक्ति को बेचैनी, घबराहट , भय जैसी मानसिक परेशानी के बचाव होता है। समाज में फैल रही विकृतियों से बचने में विपश्यना ध्यान एक कारगर पद्धति है।b
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