वर्मी कम्पोस्ट बनाकर समूह की दीदियों ने कमाये 67 हजार

कोण्डागांव ,29 मई  छत्तीसगढ़ शासन की महात्वाकांक्षी गोधन न्याय योजनान्तर्गत गौठानों में संचालित विभिन्न गतिविधियां अब ग्रामीण एवं सुदूर अंचलों में आर्थिक रूप से सक्षम  बनने के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। गौठान में महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं आयमूलक गतिविधियों को बेहतर ढंग से संचालित कर स्थानीय स्तर पर स्वयं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया विकसित कर लिया है।


ऐसी ही बानगी जिले के विकासखण्ड माकड़ी अंतर्गत ग्राम पंचायत बालोण्ड के गौठान में देखने को मिल रहा है जहां इस गौठान में मल्टीएक्टीविटी के रूप में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, गौपालन से दुग्ध उत्पादन,बकरीपालन, सूकरपालन, साग-सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, रागी उत्पादन  इत्यादि गतिविधियां संचालित किया जा रहा है। जिसका सीधा फायदा महिला स्व-सहायता समूह के गरीब महिलाओं को मिल रही है। इन आयमूलक गतिविधियों में से वर्मी कम्पोस्ट गतिविधि को मां लक्ष्मी स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित की जा रही है। इसमें कुल 10 सदस्य  रजूला, यशोदा, सलमा, प्रियंका, ललिता, सुशिला, सहादई, सगनी, सत्यवती भवानी हैं। इस समूह की रजूला दीदी बताती हैं कि वर्ष 2020 से उनका समूह गौठान में वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन से जुड़ी है, लेकिन कोविड के दौरान उम्मीद के मुताबिक काम नहीं किये।

गत वर्ष से गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन को बढ़ावा मिला है। समूह की दीदियों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन में रुचि के साथ जुटे रहने के फलस्वरूप आज पर्यंत तक 557 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादित किया जा चुका है और उक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद को विक्रय किया जा चुका है। इस वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन की लाभांश राशि 66 हजार 664 रुपये स्व-सहायता समूह के खाते में मिल चुकी है। जिससे समूह की महिलाएं अब वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन के लिए पूरी लगन एवं मेहनत के साथ जुट गयी हैं, ताकि किसानों को खरीफ फसल के लिए पर्याप्त वर्मी कम्पोस्ट खाद उपलब्ध हो सकेगा।

मां लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह की ललिता दीदी ने लाभांश राशि का उपयोग घरेलू जरूरतों के लिए करने की बात कहते बताती हैं कि उक्त आयमूलक गतिविधि गांव में ही समूह की दीदियों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गया है,जिसे घर-परिवार के कार्यों  को निपटा कर आसानी के साथ संचालित कर रहे हैं। उन्होंने शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह हम ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बहुत अच्छा माध्यम है।



मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की प्रियंका दीदी ने बताया कि ग्राम पंचायत बालोण्ड के गौठान में संचालित होने वाली समस्त गतिविधियां स्व-सहायता समूहों की दीदीयों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ कर रही है, साथ ही समय-समय पर खेलकूद- सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि का आयोजन सहित वित्तीय समावेशन का प्रशिक्षण देते हुये स्व सहायता समूह की महिलाओं को जागरूकता किया जा रहा है। जिससे अन्य महिला स्व सहायता समूह आरएफ, सीआईएफ, बैंक लिंकेज से लाभांवित होकर आजाविका गतिविधि करने हेतु प्रोत्साहित हो रहे हैं।

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