Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 101वें संस्करण को संबोधित किया है. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है. हम सभी ने पिछले महीने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है. आपकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है. ‘मन की बात’ का जब प्रसारण हुआ था तो उस वक्त दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग टाइम जोन में…कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात थी. इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने बीते दिनों मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की. सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की. वाराणसी में कुछ समय पहले ही काशी तेलुगू संगमम भी हुआ. देश में एक भारत श्रेष्ठ भावना को ताकत देने वाला ऐसे ही एक और अनूठा प्रयास हुआ है. ये प्रयास है- युवा संगम का. उन्होंने कहा कि मैं कुछ दिन पहले ही जापान के हिरोशिमा में था. वहां मुझे Hiroshima Peace Memorial Museum में जाने का मौका मिला. ये एक भावुक कर देने वाला अनुभव था. जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही भारत में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्पो का भी आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में विश्व के 1200 से ज्यादा म्यूजियम की विशेषताओं को दर्शाया गया था. हमारे यहां भारत में अलग-अलग प्रकार के ऐसे कई म्यूजियम हैं, जो जो हमारे अतीत से जुड़े अनेक पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं. गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय है – Museo Camera, जिसमें 1860 के बाद के आठ हजार से अधिक कैमरों का कलेक्शन उपस्थित है. हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर तमिलनाडु के Museum of Possibilities को डिजाइन किया गया है. मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा म्यूजियम है, जिसमें 70 हजार से भी ज्यादा चीजें संरक्षित की गई हैं.
उन्होंने आगे कहा कि 2010 में स्थापित इंडियन मेमोरियल प्रोजक्ट एक तरह का ऑनलाइन म्यूजियम है. ये जो दुनियाभर से भेजी गई कहानियों और तस्वीरों के माध्यम से भारत के गौरवशाली इतिहास की कड़ियों को जोड़ने में जुटा है. विभाजन की विभिषिका से जुड़ी स्मृतियों को भी सामने लाने की कोशिश की गई है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हमने बीते वर्षों में भी भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं. स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित दस नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं.
पीएम ने कहा कि कई बार हम सबने एक कहावत सुनी होगी, बार-बार सुनी होगी- बिन पानी सब सून. बिना पानी जीवन पर संकट तो रहता ही है, देश और व्यक्ति का विकास भी ठप्प पड़ जाता है. आज देश के हर जिले में भविष्य की इसी चुनौती को देखते हुए 75 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है.
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