KORBA : जल जीवन मिशन में फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र, रीपा में अनियमितता, एक शिक्षक को 50 निर्माण कार्य, CM लेंगे संज्ञान !

भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत कल कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा में पहुंचेगा मुख्यमंत्री का पड़ाव,करेंगे जनसंवाद

कोरबा, 21 मई । भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को आकांक्षी जिला कोरबा के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुदमुरा एवं चिर्रा में जनसंवाद करेंगे । प्रदेश के मुखिया के समक्ष केंद्रीय एवं राज्य प्रवर्तित महत्वाकांक्षी योजनाओं में कोरबा जिले में की जा रही भ्रष्टाचार के मुद्दे रखे जाएंगे।

जल जीवन मिशन में करतला विकासखण्ड के 4 ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हुए बिना ही जारी किए गए फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र सहित प्रगतिरत योजनाओं में गुणवत्ता की अनदेखी कार्य मे विलंब करने के मुद्दे पर विपक्ष जवाब मांगेगी। वहीं रीपा में उद्घाटन के डेढ़ माह बाद भी औद्योगिक इकाइयों की गतिविधियां शुरू नहीं किए जाने शेड निर्माण सहित तमाम अन्य कार्यों में गुणवत्ता गाइडलाइन्स की अनदेखी का मामला गूंजेगा। शिक्षा विभाग में डीईओ कार्यालय में 10 साल से पदस्थ एपीसी समग्र शिक्षा द्वारा चहेते शिक्षक को 50 स्कूलों का निर्माण कार्य का ठेका दिए जाने का मामला संज्ञान में लाया जाएगा। मौके पर ही सम्बंधितों के खिलाफ कार्रवाई के आसार हैं ।

यहां बताना होगा कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम की कड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का 22 मई को कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा के ग्राम पंचायत कुदमुरा एवं चिर्रा में पड़ाव पहुंचेगा। शासन की योजनाओं का जमीनी स्तर पर किए जा रहे क्रियान्वयन का मुख्यमंत्री श्री बघेल सीधे जनता से संवाद कर जायजा लेंगे। वैसे तो आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में जिला प्रशासन का कार्य कुछ क्षेत्रों में सराहनीय है लेकिन कुछ ऐसे विभाग भी हैं जहां के कार्यों में अनियमितता की शिकायतें आम जनता से लेकर मीडिया जिला प्रशासन के संज्ञान में ला चुकी है। बावजूद इसके ठोस कार्रवाई नहीं होने से न केवल कार्य में सुधार आया वरन अनियमितता बरतने वालों को बल मिल गया। उल्टे मामला संज्ञान में लाने वालों को डराने धमकाने का कार्य किया जाता रहा है। अब यही मुद्दे एक बार फिर मुख्यमंत्री के समक्ष भेंट मुलाकात के जनसंवाद के दौरान लाए जा सकते हैं। इनमें पीएचई विभाग सिरमौर है । जहां एकल नवीन ग्राम योजना एवं सोलर आधारित मिनी नलजल योजना के तहत 703 गांवों में के लिए स्वीकृत 695 करोड़ 81 लाख 21 हजार की योजनाओं पर कार्य कर 1 लाख 78 हजार 405 घरेलू कनेक्शन लगाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

जिसमें खराब कार्य प्रगति की वजह से एक भी योजनाएं धरातल पर पूर्ण नहीं हो सकीं हैं। दर्जनों पंचायतों का काम देख रहे उच्च क्लास के फर्मों के कार्यों में खामियां की जन शिकायतें भी सामने आ चुकी हैं।विपक्षी भाजपा नेताओं द्वारा भी इसकी शिकायतें भी की जा चुकी हैं बावजूद भ्रष्टाचार में अफसरों की जुगलबंदी की वजह से आज पर्यन्त ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विभागीय प्रश्रय का ही नतीजा है कि कोरबा सब डिवीजन के करतला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बोतली ,मदवानी ,गांडापाली एवं बुढियापाली में कागजों में योजनाओं के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि अंतिम भुगतान लंबित है योजनाएं आधी अधूरी प्रगतिरत हैं। पड़ताल में जनता पुराने ढर्रे पर कुएं एवं नल से भीषण गर्मी में पसीना बहाकर पानी निकाल अपनी प्यास बुझाती नजर आई। योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग में जिला ,अनुभाग ,फील्ड स्तर के अफसरों की कार्यशैली से बेहद नाराज एवं दुखी नजर आई। मामले में फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अफसरों ,फर्मों के विरुद्ध आज पर्यन्त कार्रवाई नहीं हुई।

उद्घाटन के डेढ़ माह बाद भी शो पीस बने रीपा ,विधायक श्री कंवर ने सदन में घेरा था,फिर उठेंगे सवाल !

ग्रामीण औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने जिले में 10 रीपा बनाये जा रहे हैं। इसके अंतर्गत विकासखण्ड कोरबा के चिर्रा और सरईडीह (पहंदा), कटघोरा के अरदा और रंजना, पाली के केराझरिया और नोनबिर्रा, पोड़ी-उपरोड़ा के कापूबहरा और सेमरा एवं करतला के जमनीपाली और कोटमेर में रीपा स्थापित किए जा रहे हैं। जिसमें 60 गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क में नमकीन-मिक्चर युनिट, स्टेशनरी, तेल प्रसंस्करण, चिक्की, बेकरी, पापड़ जैसी अन्य आजीविका मूलक गतिविधियों की इकाईयां स्थापित की जाएंगी।जिसमें 356 हितग्राही लाभान्वित होंगे। शासन द्वारा विकासखण्ड कोरबा के ग्राम पंचायत गौठान सराईडीह (पहंदा )में एक करोड़ 18 लाख की लागत से रीपा की तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। जिसके तहत पोहा निर्माण इकाई शेड निर्माण कार्य ,पेपर बैग ,मिठाई शेड निर्माण इकाई ,पास्ता,सेवई शेड निर्माण ,नमकीन ,मिक्सचर ,चिक्की निर्माण इकाई ,गौठान परिसर में सोयाबीन बड़ी शेड निर्माण कार्य ,नूडल्स शेड निर्माण ,हल्दी मिर्च ,मसाला शेड निर्माण का कार्य किया जाना है। 25 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों जिले के सभी 10 रीपा के साथ सराईडीह के रीपा वर्चुअल उद्घाटन हुआ था। लेकिन आज पर्यन्त यहां के रीपा की संरचनाएं पूर्ण नहीं हो पाई। पड़ताल में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के शेड में न दरवाजे लगे न विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ। यहाँ तक कि पहुंच मार्ग भी व्यवस्थित नहीं है। फैंसिंग भी टूटा हुआ मिला। युवाओं एवं महिला स्व सहायता समूहों को एक भी औद्योगिक गतिविधियों से नहीं जोड़ा जा सका। जिससे करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद रीपा की परिकल्पना साकार नहीं हो सकी।


जिस तरह करोड़ों रुपए की लागत से रीपा की स्वीकृति दी गई है। इसमें से एक बड़ी राशि शेड निर्माण में व्यय किया जा रहा है। लगभग सभी रीपा में संरचनाएं तो तैयार हो गई हैं लेकिन औद्योगिक गतिविधियां शुरू नहीं हो सकी हैं,जिसे देखते हुए जनमानस के बीच यह चर्चाएं व्याप्त है कि योजना का उद्देश्य फर्मों को लाभ पहुंचाने तक सीमित रह गया है। न जिला न जनपद पंचायत के अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग कर रहे न ही आरईएस के उपअभियंता। ज्ञात हो कि क्षेत्रीय विधायक ननकीराम कंवर ने


भूपेश सरकार के अंतरिम बजट में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा ) के अंतर्गत कोरबा जिले में तैयार किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क ( रीपा ) के निर्माण में किए जा रहे अनियमिताओं पर सरकार को घेरा था। रामपुर विधायक व प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने बुधवार से शुरू हुए बजट सत्र में तारांकित प्रश्न क्रमांक 3561 के जरिए रीपा के स्वीकृति एवं निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया से संबंधित समस्त जानकारी मांग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की नींद उड़ा दी थी।एक बार फिर रीपा में अनियमितता की शिकायतें सीएम के संज्ञान में लाई जाएंगी।

दस सालों से डीईओ कार्यालय में पदस्थ एपीसी ने एक शिक्षक को दे दिया करोड़ों का 50 निर्माण कार्य, नपेंगे!

सीएम के समक्ष शिक्षा विभाग में पिछले दस सालों से एपीसी समग्र शिक्षा के पद पर पदस्थ विजय कौशिक की कार्यशैली भी संज्ञान में लाए जाने के आसार हैं। डीईओ कार्यालय में पदस्थ एपीसी अपने प्रभाव के कारण निर्माण शाखा से लेकर अनुकम्पा का कार्य दस सालों से निरंतर देख रहे।इसे संयोग कहें या कुछ और कि इस बीच न उनका स्थानांतरण हुआ न शाखा परिवर्तन। एपीसी ने हाल ही में कटघोरा के एक शिक्षक को 50 निर्माण कार्य (अतिरिक्त कक्ष निर्माण ,शौचालय ,अहाता निर्माण सहित अन्य कार्य )आबंटित कर दिया है।जो कोरबा ,पोंडी उपरोड़ा ,करतला तक जाकर स्वीकृत कार्य करा रहे। शिक्षक के मूल कार्य से मानो इनका नाता ही टूट गया है। ऊक्त कार्य के की गुणवत्ता की भी शिकायतें मिल रही। इससे कहीं न कहीं मिलीभगत के आसार हैं। नाराज ग्रामीण सीएम के समक्ष इनकी शिकायत का मन बना चुके हैं।

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