वर्मी कम्पोस्ट गांवों की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण : कलेक्टर

सूरजपुर। कलेक्टर अग्रवाल की अध्यक्षता तथा जिला पंचायत सीईओ लीना कोसम की उपस्थिति में जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिले के समस्त गौठानों में गोबर खरीदी की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।

कलेक्टर अग्रवाल ने बैठक बताया कि हम सभी कृषक पृष्ठभूमि के लोग हैं हमें गोबर खरीदी पर विशेष ध्यान देना है। गोबर खरीदी होगी तो पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी होगी। प्रत्येक गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, नियमित गोबर क्रय करने व पखवाड़े में 30 क्विंटल या प्रतिदिन 2 क्विंटल खरीदी किये जाने और प्रत्येक गौठान के गोबर खरीदी की भुगतान राशि का मिलान संबंधित बैंक से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी गोठानो में गोबर खरीदी, कंपोस्ट निर्माण, उठाव, भुगतान व आजीविका गतिविधियों सहित गौठानों संचालित विभिन्न क्रियाकलापों की पंचायत वार विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।

उन्होंने गोबर खरीदी पश्चात् गोबर से कंपोस्ट भी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि आज कैंसर के बहुत से मरीज बढ़ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण फसलों और फल, सब्जियों में अधिक मात्रा में फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड का उपयोग करना है। फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड से उत्पादित चीजों को हम खाते हैं और इन्हीं सबका प्रभाव हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। आज कैंसर के जगह-जगह बड़़े अस्पताल खुल गए हैं। इसका प्रमुख कारण है। विगत 20-30 वर्षों में कैंसर के मरीज नहीं हुआ करते थे। इन्हीं सब को न्यट्रलाइज करने का सबसे उत्तम माध्यम है वर्मी कम्पोस्ट। वर्मी कंपोस्ट का अधिक से अधिक लोग उपयोग करें तथा किसानों को इसका उपयोग के लिए प्रोत्साहित भी करें। यह बड़ा संयोग है कि हमारी राज्य सरकार ने अद्भुत योजना हम सबके बीच लाकर एक अच्छा अवसर दिया है। यह हम सबकी सामाजिक जिम्मेदारी भी है कि हम इसको बढ़ावा दें। 

वर्मी कम्पोस्ट गांवों की समृद्धि के लिए महत्वपूण है। गांव में किसानों का डाटा, वर्मी कंपोस्ट की आवश्यकता की डाटा सबके पास होना चाहिए। गांव में किसानों को जितनी वर्मी कम्पोस्ट की आवश्यकता हैै उससे 3 गुना अधिक गोबर की खरीदी करना आवष्यक है। उन्होंने बैठक में बताया कि अब महिने के प्रत्येक दूसरे शुक्रवार को गोबर खरीदी की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने वन विभाग, आरईएओ एसएडीओ तथा अधिकारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि बैंक अकाउंट, आधार कार्ड, राजस्व रिकार्ड में नाम अलग-अलग हो तो अधिकारी किसानों के नाम में संषोधन करा कर इस योजना लाभ दिलाने का भी कार्य करें। इसके कारण हम जिले 29 हजार किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिला पा रहे है। 29 हजार किसानों को यदि 6 हजार रुपए दिलाया जाये तो हर साल जिले में किसानों को लगभग 17 करोड़ रुपए का लाभ होगा। 

इसी प्रकार उन्होंने जिले किसानों शत-प्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के निर्देश उप संचालक कृषि विभाग को दिये। केसीसी के माध्यम से भी राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों को मिल पाएगा। उन्होंने गिरदावरी में धान की फसल में धान तथा गन्ने की फसल में गन्ना ही दिखे ऐसी प्रविष्टि करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस वर्ष 2000 हेक्ट. कि गन्ना के फसल का रकबा बढ़ाने के निर्देश दिये। बैठक में जिला सीईओ लीना कोसम, उप संचालक कृषि प्रदीप एक्का, क्रेडा अधिकारी सुजीत श्रीवास्तव, एसडीओ फोरेस्ट, आरईएओ, एसएडीओ जिले में संचालित गौठानों के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।

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