रायपुर ,19 मई । अग्रसेन महाविद्यालय, पुरानी बस्ती में शुक्रवार को ‘लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता’ विषय पर विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के पत्रकारिता तथा समाज-कार्य विभाग द्वारा आयोजित इस गोष्ठी में तृतीय लिंग समुदाय की प्रतिनिधि विद्या राजपूत ने लैंगिक समानता से जुड़े अनेक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं में स्त्री-पुरुष के साथ तृतीय लिंग के प्रति सम्मान और समानता का भाव पैदा करने के लिए उनके स्कूल के सत्र से ही इस विषय में बताना और समझाना जरुरी है। इसके लिए लैंगिक समानता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना एक प्रभावी कदम होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में सर्वोच्च न्यायालय की पहल पर तृतीय लिंग को भी सरकारी आवेदनों में एक विकल्प के रूप में शामिल किये जाने और इसके बाद एक कानून बनने से ट्रांसजेंडर वर्ग को भी समाज में उसका यथोचित अधिकार और सम्मान प्राप्त हो सका। हालाँकि सामाजिक स्तर पर अभी भी भ्रांतियों के कारण इस वर्ग को कहीं-कहीं उपेक्षा का सामना करना पड़ता है. लेकिन स्थिति में धीर-धीरे सुधार आना भी एक अच्छा संकेत है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने कहा कि लैंगिक समानता के बिना कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता इसलिए सरकार के साथ ही समाज को भी इसके लिए सम्मिलित प्रयास करना होगा। आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ. युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि समाज में स्त्री-पुरुष के अलावा तृतीय लिंग को भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार है इसलिए उन्हें भी अपने समाज का अभिन्न हिस्सा मानकर हमें सभी से एक समान व्यवहार करना चाहिए।
कार्यक्रम में पत्रकारिता संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ. अदिति नामदेव गुप्ता, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मो रफीक, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. विभाष कुमार झा सहित अन्य प्राध्यापक भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता संकाय के प्राध्यापक प्रो. हेमंत सहगल ने किया। अंत में आमंत्रित वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनन्दन किया गया। इस विचार-गोष्ठी में महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने पूरी सक्रियता से अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
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