रायगढ़ ,19 मई । नगर निगम की सियासत में उठे असंतोष के बवंडर को लेकर विधायक प्रकाश नायक द्वारा सर्किट हाऊस में आहूत बैठक में आज जमकर चिल्लपों, आरोप-प्रत्यारोप और वाद-विवाद हुआ। एक बार तो इतनी तीखी तकरार हुई कि दो पक्षों में हाथापाई की नौबत तक आ गयी लेकिन, शुक्र की बात यह है कि ऐन मौके पर विवाद शांत हो गया।
बैठक का कोई निष्कर्ष तक नहीं निकला, और तो और गिले-शिकवे दूर होने की बजाय पार्षदों में मतभेदों की खाई और गहरी हो गर्ई है। कुल मिलाकर बैठक का लब्बोलुआब यह रहा कि खाया पीया कुछ नहीं, गिलास फोड़ा बारह आना।’ नगर निगम की सियासत का अपना अलग ही मिजाज रहता है और खासकर, रायगढ़ नगर निगम की कहानी तो अजब ही निराली है। नगर निगम में किसी भी दल का महापौर हो मगर यहां मिली-जुली खिचड़ी सरकार का ही दबदबा रहता है।
नगर निगम के गठन से लेकर अबतक यही अनुभव रहा है। पिछले तीन दिनों से नगर निगम का पारा काफी चढ़ा हुआ है। महापौर वर्सेस पार्षद के इस घटनाचक्र में सुलह-सफाई की अब तक की तमाम कोशिशें नाकाफी साबित हुई हैं। महापौर और सभापति के बीच टकराहट रोकने के नजरिए से जिला कांग्रेस अध्यक्ष (शहर) अनिल शुक्ला ने वार्ता की पहल की थी, जिस पर सकारात्मक रूख दिखाते हुए विधायक प्रकाश नायक ने आज पूर्र्वान्ह 11 बजे स्थानीय सर्किट हाऊस में तमाम कांग्रेस पार्षदों और एल्डरमैनों की एक आवश्यक बैठक आहूत की गई थी।
सम्मिलन का मकसद था कि नगर निगम की राजनीति में आपसी खींचतान व गुटीय टकराव समाप्त हो सके, मगर यह बैठक बेनतीजा साबित हुई। उलटे पार्षदों में वैमनस्यता और बढ़ गई। बैठक में शुरू से लेकर अंत तक आरोप-प्रत्यारोप व बहस मुबाहिसा हुए। कोई किसी की बात सुनने को तैयार नहीं था। कांग्रेसियों को आस थी कि नगर निगम की कांग्रेस सियासत सामंजस्य के ट्रैक पर चलेगी, लेकिन कांग्रेसियों के मंसूबे धरे के धरे रह गए।
मीडिया में मुखबिरी का मुद्दा उठा
बैठक में मीडिया को गोपनीय सूचनाएं लीक करने का संदर्भ भी आया। मीटिंग में मौजूद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अपने-अपने संपर्क सूत्र हैं, सो स्वाभाविक सी बात है कि मीडिया से सबके अपने-अपने अलग-अलग रिश्ते हैं। मीडिया को सूचना देने के सवाल पर बैठक में तल्खी जरूर दिखी।
फूलछाप कांग्रेसी कहने पर आई जूतमपैजार की नौबत
सर्किट हाऊस में आज दोपहर उस वक्त हाई वोल्टेज घटनाक्रम घटित हुआ, जब एल्डरमैर बिज्जू ठाकुर ने कुछ पार्षदों को फूलछाप कांग्रेसी होने की संज्ञा दे दिया। फिर क्या था, पार्षद विनोद महेश, एनएसयूआई अध्यक्ष व पार्षद आरिफ हुसैन और पार्षद लक्ष्मी साहू, बिज्जू ठाकुर पर पिल पड़े। देखते ही देखते गर्मागर्मी का माहौल से हाथापाई की नौबत आ गई। दोनों पक्ष एक-दूसरे को आंखें दिखाने लगे, ऐन हालात में वरिष्ठ नेताओं ने लपककर दोनों पक्षों को अलग-अलग किया, तब कहीं जाकर मारपीट की स्थिति टल गई।