आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को इसकी घोषणा की थी।
नए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने टि्वटर पर इन नियुक्तियों की घोषणा की थी। दो नए जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनकी सिफारिश के 48 घंटे के भीतर हुई है। मिश्रा और विश्वनाथन को आज भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पद की शपथ दिलाई।
विश्वनाथन, जस्टिस जेबी पारदीवाला के 11 अगस्त 2030 को सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकेंगे और वह 25 मई, 2031 तक पद पर रहेंगे। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस एमआर शाह की सेवानिवृत्ति के साथ सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या घटकर 32 हो गई थी, जबकि स्वीकृत पद 34 हैं।
कॉलेजियम ने की थी सिफारिश
इससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजे) प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन को शीर्ष कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश केंद्र से की गई थी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने मंगलवार को इनके नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस मिश्रा को 10 दिसंबर 2009 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 13 अक्तूबर 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
अगले महीने रिटायर होंगे चार जज
सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एमआर शाह बीते दो दिनों में सेवानिवृत्त हुए हैं। न्यायमूर्ति केएम जोसेफ 16 जून 2023, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी 17 जून, न्यायमूर्ति वी. रमासुब्रमण्यम 29 जून और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी आठ जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
न्यायाधीशों की संख्या घटकर 30 रह जाएंगी
कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति केएम जोसेफ, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में चार और रिक्तियां होंगी। ऐसे में न्यायाधीशों की संख्या घटकर 30 रह जाएंगी।
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