पीड़ित किसान को ही मिले फसल बीमा की राशि : कलेक्टर

महासमुंद,16 मई  कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने समय-सीमा की बैठक लेते हुए कहा कि गर्मी को देखते हुए जिले की सभी गौठानों में मवेशियों के लिए पैरा, पानी और छाया की व्यवस्था पर्याप्त हो। उन्होंने गोबर खरीदी पर भी फोकस की बात कही। उन्होंने कहा एक पखवाड़े में एक क्विंटल गोबर की खरीदी होनी चाहिए। निर्धारित मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का भी उत्पादन हो यह ध्यान रखा जाए। आगामी खरीफ फसल में वर्मी कम्पोस्ट की मांग अधिक रहेगी। उन्होंने रीपा में चल रही आर्थिक गतिविधियों की भी जानकारी ली। उन्होंने गोबर पेंट उत्पादन पर जोर दिया। बैठक कलेक्टर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई।

उन्होंने माह अप्रैल के जिले के 89 बेरोजगारी भत्ता का भौतिक सत्यापन की जानकारी मिलने पर सभी जनपद पंचायत सीईओ और नगर पालिका अधिकारियों को आज शाम तक भौतिक सत्यापन कर पोर्टल में एंट्री करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कहा कि फसल बीमा की राशि वास्तविक पीड़ित किसानों को मिले यह ध्यान रखा जाए। निरीक्षण-परीक्षण में बीमा की राशि में किसी प्रकार की त्रुटि या हेर-फेर होने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

कलेक्टर ने कहा कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें इस योजनाओं की राज्य स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाती है। उन्होंने निर्वाचन से संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों की डाटा एंट्री नहीं होने पर नाराजगी प्रकट की तथा जल्द से जल्द डाटा एंट्री करने कहा। उन्होंने कहा जिले के मतदान केन्द्रों में भी सभी सुविधा हो यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए। इस संबंध में किसी प्रकार की समस्या होने पर या समस्या के समाधान के लिए उप जिला निर्वाचन अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एस. आलोक, अपर कलेक्टर दुर्गेश वर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।



कलेक्टर ने अमृत मानसरोवर के सभी मापदण्ड का परीक्षण कर उसे पूरा करने कहा। उन्होंने भीषण गर्मी को देखते हुए कहा कि सभी जगह सुचारू पेय जल उपब्धता के लिए सभी जरूरी और आवश्यक व्यवस्था करने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मवेशी हो या मनुष्य किसी को भी पानी के लिए इस गर्मी में तरसना न पड़े। इस कार्य के लिए पीएचई और जनपद पंचायत विशेष रूप से ध्यान रखे। जिस गांव में जल संकट हो वहां के निजी जल स्त्रोतों से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जाए। हैंडपम्प, बोरवेल आदि की मरम्मत करानी हो तत्काल कराएं। बैठक में बारी-बारी से समय-सीमा के प्रकरणों के निराकरण की जानकारी ली और लंबित प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिए।