इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में Mother’s Day के उपलक्ष्य में हुए विभिन्न कार्यक्रम


कोरबा, 14 मई। मदर्स डे बच्चे और माँ दोनों के लिये वर्ष का एक बहुत ही खास दिन है। भारत में ये पिछले कई वर्षों से मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।
एक माँ हर एक की सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि वह हर एक चीज का ध्यान रखती है जिसकी हमें जरुरत होती है। इसलिये, उन्हें धन्यवाद और आदर देने के लिये वर्ष का एक दिन समर्पित किया गया है जिसे हर साल हम सभी मातृ-दिवस के रुप में मनाते है। हमलोग बिना अपनी माँ के प्यार और देख-भाल के नहीं रह सकते हैं।वह हमारा बहुत ध्यान रखती है, वह बहुत खुश हो जाती है जब हमलोग हँसते है तथा वह बहुत दुखी हो जाती है जब हमलोग रोते है। इस दुनिया में माँ एकमात्र ऐसी इंसान होती है जो हमें कभी अकेला नहीं छोड़ती। माँ अपने बच्चों के लिये पूरी निष्ठावान होती है।हमारे लिये माँ हर वक्त हर जगह मौजूद रहती है। हमारे जन्म लेने से उनके अंतिम पल तक वो हमारा किसी छोटे बच्चे की तरह ख्याल रखती है। हम अपने जीवन में उनके योगदानों की गणना नहीं कर सकते है। यहाँ तक कि हम उनके सुबह से रात तक की क्रिया-कलापों की गिनती भी नहीं कर सकते।
माँ के पास ढ़ेर सारी जिम्मेदारियाँ होती हैं वो उसको लगातार बिना रुके और थके निभाती है। वो एकमात्र ऐसी इंसान है जिनका काम बिना किसी तय समय और कार्य के तथा असीमित होती है। हम उनके योगदान के बदले उन्हें कुछ भी वापस नहीं कर सकते हालाँकि हम उन्हें एक बड़ा सा धन्यवाद कह सकते है साथ ही उन्हें सम्मान देने के साथ ध्यान भी रख सकते है। हमें अपनी माँ को प्यार और सम्मान देना चाहिये तथा उनकी हर बात को मानना चाहिये।


उपरोक्त सभी तथ्यों के मद्देनजर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विश्व की सभी माताओं के सम्मान स्वरूप प्रतीकात्मक रूप से मातृ दिवस के उपलक्ष में बहुत ही शानदार एवं गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित मुख्य अतिथियों को तिलक एवं बेजेस लगाकर तथा पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती के तैल्यचित्र पर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने उपस्थित माताओं के सम्मान में एवं मुख्य अतिथियों को सम्मानित करने हेतु बहुत ही शानदार स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। इंडस पब्लिक स्कूल के अलग-अलग कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। इस गरिमामयी कार्यक्रम में उपस्थित माताओं के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजक गेम का आयोजन किया गया। जिसका सभी माताओं ने भरपूर आनंद लिया ।कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती ज्योति नरवाल जी ने विश्व की सभी माताओं के सम्मान में बहुत सुंदर कविता की प्रस्तुति दी वहीं श्रीमती मेघाचंद्रा जी ने बहुत सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। मदर्स डे में उपस्थित सभी मदर्स ने रैंप वॉक कर कार्यक्रम में समा बांध दिया। कार्यक्रम के मध्य में सत्र 2022-23 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कक्षा 10वी एवं 12 वी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती निशिता झा(सीनियर जर्नलिस्ट) ,श्रीमती आईना सिंधु, श्रीमती सुनीता साहू, श्रीमती ज्योति नरवाल, मिसेस चंद्रा, श्रीमती राय एवं श्रीमती जैन उपस्थित थे।कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि श्रीमती निशिता झा (सीनियर जनरलिस्ट) ने अपने संबोधन में कहा कि जिस पर लिखने को शब्द कम पड़ जाए और जो सबको निशब्द कर जाए वास्तव में वही मां है।मां नहीं तो कुछ नहीं। ना ही मां जैसा प्यारा और न्यारा शब्द है दुनिया के किसी शब्दकोश में। बलिदान त्याग व समर्पण का दूसरा रूप ही मां होती है। मां धरती में ईश्वर का जीता जागता स्वरूप है। दुनिया में एक मां ही ऐसी है जिसके कोमल स्पर्श से ही हमें उसके होने का एहसास हो जाता हैं। जो बिना बोले ही हमारी मन की बातों को जान जाए और हमारे चेहरे पर हर पल मुस्कान लाने का प्रयास करें वह होती है मां। हमें ताउम्र मां को सम्मान देना चाहिए मां के लिए कोई एक खास दिन नहीं मां के लिए हर दिन खास होना चाहिए हमें कभी भी मां का हृदय नहीं दिखाना चाहिए मां का कर्ज किसी भी जन्म में नहीं चुका सकते हमारे ह्रदय में पल प्रतिपल उनके लिए सम्मान का भाव होना चाहिए।


मुख्य अतिथि डॉक्टर शशि सिंधु ने कहा कि मां के दर्द और बलिदान को हम मां बनकर ही बेहतर समझ सकते हैं।मां के बलिदान और त्याग को किसी एक विशेष दिन को स्पेशल बनाकर हम नहीं मना सकते हर दिन मदर्स डे होता है और हर दिन मदर्स डे होना चाहिए। मां तो करुणा दया त्याग स्नेह और सम्मान की जीती जागती मूर्ति होती है वाह साक्षात ईश्वर होती है। कहते हैं फली फूली डालिया धरती की ओर झुकी होती हैं बच्चे कहीं भी रहे माताएं हमेशा उनसे जुड़ी होती है। बच्चा यदि सात समंदर पार भी खास दे तो मां को एहसास हो जाता है यह होती है एक अदृश्य शक्ति मां के स्नेह की। यदि हम सबके पास मां है तो समझिए दुनिया की बेहतरीन और बेशकीमती दौलत हमारे पास है ।जिसकी किसी से कोई तुलना नहीं की जा सकती।वास्तव में हम अपनी माँ के रोज के कार्यों की गणना नहीं कर सकते। वह पूरे दिन हमारे लिये असीमित कार्य करती है। परिवार के सभी सदस्यों के सभी कार्यों के लिये सिर्फ वह ही जिम्मेदार होती है। इसलिये हमलोग आसानी से कह सकते है कि माँ महान होती है।


हमारी माँ हमारे लिये सुरक्षा कवच की तरह होती है क्योंकि वो हमें सभी परेशानियों से बचाती है। वो कभी अपनी परेशानियों का ध्यान नहीं देती बल्कि निस्वार्थ रूप से हम सभी की सेवा करती रहती है।बिना माँ के हमारा जीवन कुछ भी नहीं है। हमलोग बहुत भाग्यशाली है कि हमारे पास माँ है।दुनिया में एक इंसान का अस्तित्व उसके माँ के कारन ही होता है। भगवान ने इस संसार के पालन-पोषण के सारे अधिकार माँ को दिए हैं। फिर चाहे वह इन्सान हो या जानवर हो। माँ हर रूप में अपने बच्चों को पालती है। एक व्यक्ति की सफलता के पीछे उसके माँ के दिए संस्कार ही होते हैं। मां की अहमियत क्या है,अगर जानना है तो उनसे मिलें जिनकी माँ नहीं है। बिना माँ के जीवन ऐसा है जैसे बिना डोर के पतंग। ऐसी पतंग जो हवा के साथ इधर-उधर उड़ती है और अंत में ऐसा गिरती है कि फिर कभी नहीं उड़ पाती।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि भगवान बन माँ हमें जन्म देती है। जन्म के बाद से ही वो हमारी हर जरूरत का ध्यान रखती है। सुबह उठाने के लिए अलार्म घड़ी, घर में कुछ ढूँढने के लिए गूगल, बीमारी में एक डॉक्टर, शिक्षा देती अध्यापिका और बहुत से किरदार निभाती है माँ जिंदगी में। अपने बच्चे के दिल की हर बात बिना कहे ही उसे पता चल जाती है। हमारे अंदर क्या गुण है ये दुनिया के सामने हमें साबित करना पड़ता है। लेकिन माँ इस बात को हमारे जन्म से ही जानती है।घर में कितनी भी गरीबी हो माँ कभी भी बच्चों को भूखा नहीं सोने देती। बच्चे माँ का दर्द समझें या न समझें माँ हर हालत में अपनी औलाद का भला ही चाहती है। इस स्वार्थी संसार में हर कोई हमारा साथ छोड़ सकता है लेकिन माँ हर परिस्थिति में हमारे साथ रहती है। माँ तो अपनी संतान के सपने पूरे करने के लिए अपनी नींद त्याग देती है और कई अरमानों का गला घोंट देती है।ईंट और पत्थर से बने मकान को माँ ही घर बनाती है। और जिस घर में माँ का वास हो भगवान का वास भी उसी घर में होता है। सिर्फ इतना ही नहीं माँ के हाथों में भी ऐसा जादू होता है कि दुनिया का हर स्वादिष्ट पकवान उसके बनाये पकवानों के आगे फीके लगते हैं।
इंसान कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए अपनी माँ के लिए वो एक छोटा बच्चा ही रहता है। संसार में जितने भी महापुरुष, साधू-संत और ज्ञानी लोग हुए हैं सबको एक माँ ने ही जन्म दिया है। अध्यापक अगर देश के भविष्य का निर्माण करते हैं तो माँ उस भविष्य के आधार को जन्म देती है।जब माँ हमसे दूर चली जाती है तो हमें अक्सर उसकी कमी खलती है। उसकी लोरियां याद आती हैं। उसके साये में गुजरा बचपन अकसर ही हमारी आँखें नम कर जाता है। जिन्दगी में हम जब भी कोई मुकाम हासिल करते हैं तो उसका श्रेय सबसे ज्यादा माँ को ही जाता है।


यूँ तो माँ अपना सारा जीवन अपने परिवार के नाम कर देती है। लेकिन फिर भी उसकी मेहनत को वो पहचान नहीं मिल पाती। इसीलिए पूरे विश्व में माँ के महत्व को समर्पित दिवस “ मातृ दिवस ” मनाया जाता है।अगर कोई इन्सान अपनी माँ को खुश रखता है तो उससे भगवान् भी खुश रहते हैं। हमें कभी भी जीवन देने वाली माँ को दुःख नहीं पहुँचाना चाहिए। माँ भगवान का वो वरदान है जो किस्मत वालों को ही मिलता है। हमें उसके त्याग और परिश्रम को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। बल्कि यह प्रयास करना चाहिए कि माँ सदैव प्रसन्न रहे।