बिलासपुर। एक महत्वपूर्ण जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान छग प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया की राज्य में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध कुल 73 शिकायतें लंबित थीं। इसमें से 62 का निराकरण कर लिया गया है। शेष 11 शिकायतें अब भी लंबित हैं। उन्होंने यह भी बताया की चीफ जस्टिस की युगल पीठ ने शेष 11 शिकायतों का निराकरण करने के लिए 3 महीने का समय निर्धारित किया है। दरअसल चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध कई वर्षों से लंबित शिकायतों का निराकरण करने के लिए हाईकोर्ट दिशा निर्देश जारी करे। जनहित याचिका पर 24 अप्रैल 2023 को सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार 16 दिसंबर 2015 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक प्रश्न विधायक देवजी भाई पटेल के द्वारा पूछा गया था।17 नवम्बर 2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के किन-किन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायती प्रकरण लंबित है? उनके नाम पदस्थापना सहित ब्यौरा दें। इस प्रश्न का उत्तर तात्कालिक मुख्यमंत्री ने बताया था कि 17 नवम्बर 2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लंबित हैं। इसमें 45 अधिकारियों के नाम भी बताए गए थे।
नियमानुसार उक्त 45 अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायती प्रकरणों में राज्य सरकार को अब तक निर्णय ले लेना चाहिए था कि उनके विरुद्ध जांच करना है अथवा नहीं। इन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें गंभीर प्रकृति की हैं। जनहित याचिका पर पूर्व सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध किस प्रकार की शिकायतें लंबित है। जनहित याचिका पर 17 जनवरी 2023 को हुई सुनवाई में राज्य सरकार के मुख्य सचिव को शपथपत्र प्रस्तुत करने का आदेश किया गया था। इस पर ही मुख्य सचिव ने शपथपत्र प्रस्तुत कर कार्रवाई की जानकारी दी है।
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