रायपुर रेलवे स्टेशन में बढ़ रही सुविधाएं, यात्रियों को मिलेगा लाभ

रायपुर ,07 मई  रायपुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों की सुविधाओं के लिए अनेक कार्य किए जा रहे है, जो लगभग पूर्ण होने को हैं। इनके पूर्ण होने से आगामी दिनों में यात्रियों को अनेकों सुविधाओं का फायदा मिलेगा। इनमे प्लेटफार्म नंबर 7की सुविधा, गुढ़ियारी साइड से सीधे स्टेशन में प्रवेश, नवनिर्मित फुट ओवर ब्रिज का लाभ मिलेगा। वहीं रायपुर से टिटलागढ़ के मध्य दोहरीकरण का कार्य पूर्ण होने से ण, गाड़ियों को चलाने की क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों की समयबद्धता में वृद्धि होगी।



दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल में रायपुर-आरव्हीएच के बीच दोहरीकरण और आरव्हीएच व रायपुर स्टेशन यार्ड का आधुनिकरण किया जा रहा है। रायपुर-आर.व्ही. एच. के मध्य ब्लॉक का कार्य 10 मई तक चलेगा। इसके पूर्ण होने से यात्राओं को कई सुविधाएं मिलेंगीं। रायपुर स्टेशन पर बन रहे प्लेटफार्म नंबर 7 का कार्य संपूर्ण हो जाएगा। यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर 7 का फायदा मिलेगा जिससे गाड़ियों का प्लेटफार्म नंबर 7 पर भी आगमन-प्रस्थान कराया जा सकेगा ।

रायपुर स्टेशन पर प्रवेश के लिए वर्तमान में मुख्य प्रवेश द्वार एवं गुढ़ियारी साइड से प्रवेश की सुविधा उपलब्ध है अभी गुढ़ियारी साइड से प्रवेश करने वालों को फुट ओवर ब्रिज एवं एक्सलेटर के माध्यम से रायपुर स्टेशन में आना-जाना पड़ता है प्लेटफार्म नंबर 7 का निर्माण हो जाने से गुढ़ियारी की ओर से आने-जाने वाले यात्रियों को सीधे प्लेटफार्म नंबर 7 में प्रवेश एवं निकास कराया जा सकेगा गुढ़ियारी साइड से प्रवेश करने के लिए उन्हें फुट ओवर ब्रिज एवं एक्सलेटर को उपयोग करने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी ।


रायपुर स्टेशन पर दुर्ग छोर की तरफ बन रहे नवनिर्मित फुट ओवर ब्रिज का कार्य पूर्ण होगा और इसे उपयोग में लाया जा सकेगा जिससे यात्री नवनिर्मित फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से रायपुर स्टेशन में प्रवेश कर सकेंगे साथ ही सभी प्लेटफार्म पर भी आ जा सकेंगे । नवनिर्मित फुट ओवर ब्रिज के शुरू होने के साथ ही यात्रियों पहली बार स्टेशन में एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में आवागमन के लिए रैम्प की सुविधा भी मिलने लगेगी ।



रायपुर से टिटलागढ़ के मध्य दोहरीकरण का कार्य संपूर्ण हो जाएगा यह एक अति महत्वपूर्ण कार्य होगा इस सेक्शन में दोहरीकरण होने से ट्रेनों के परिचालन में सहायता मिलेगी, जिससे गाड़ियों को चलाने की क्षमता बढ़ेगी जिसका प्रत्यक्ष रूप से फायदा यात्रियों को मिलेगा। ट्रेन परिचालन के लिए स्पेस मिलने से ट्रेनों के मूवमेंट में फायदा होगा जिससे ट्रेनों की समयबद्धता में वृद्धि होगी।