नई दिल्ली ,07 मई । ओडिशा के बारीपदा में महाराजा श्रीराम चंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है और डिग्री प्राप्त करना इसका अंत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा जीवन का एक स्वाभाविक पहलू है, जबकि सहयोग इसका सुंदर पक्ष है और यह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने छात्रों से उच्च कौशल प्राप्त करने और अधिक दक्षता के लिए प्रयास करने का आग्रह किया, क्योंकि इससे वे अपनी इच्छाशक्ति से असंभव बाधाओं को दूर करने में सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने वंचितों को उदारता तथा सहयोग के आधार पर एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का ओडिशा का तीन दिवसीय दौरा आज संपन्न हुआ। उन्होंने राज्य की तीन दिवसीय यात्रा 4 मई से अपने गृह जिले मयूरभंज से शुरू की। उन्होंने पहाड़पुर गांव में कौशल प्रशिक्षण केंद्र और सामुदायिक केंद्र की आधारशिला रखी और हाटबदरा में ब्रह्म कुमारी केंद्र के ‘व्यसन मुक्त ओडिशा’ अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने संथाली भाषा की ओआई चिकी लिपि के आविष्कारक पंडित रघुनाथ मुर्मु को उनकी जयंती के अवसर पर उनके जन्म स्थान दंडाबोश गांव में श्रद्धांजलि अर्पित की।