नई दिल्ली,06 मई । केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक 1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। निजी क्षेत्र से कोयला खनन बढ़ने के बीच इस 1 अरब टन में से सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) 78 करोड़ टन उत्पादन करेगी, जबकि निजी क्षेत्र की खुद के इस्तेमाल वाली खदानों और वाणिज्यिक खदानों से 16.2 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होगा। शेष कोयला उत्पादन सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी करेगी।
कोयला मंत्रालय द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना में कहा गया है कि सरकार को इस वित्त वर्ष के दौरान निजी क्षेत्र को 25 और खदाने आवंटित करने का भरोसा है। निजी कंपनियों को 2015 से अब तक 51.5 करोड़ टन क्षमता की 133 खदानों का आवंटन किया गया है। इनमें से 27 में उत्पादन हो रहा है। योजना में यह भी कहा गया है कि गेल (इंडिया), भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स और इंडियन ऑयल जैसी अहम सार्वजनिक कंपनियों ने कोल गैसीफिकेशन में दिलचस्पी दिखाई है, जिससे कोयले की नीलामी में रुचि और बढ़ेगी।
वित्त वर्ष 2023-24 में सीआईएल के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 16,500 करोड़ रुपये रखा गया है। मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए 50,118 करोड़ रुपये की संपत्ति मुद्रीकरण योजना का अनुमान है, जिसमें सीआईएल का हिस्सा 10,118 करोड़ रुपये होगा। सीआईएल अपनी खदानें ‘माइन डेवलपर ऐंड ऑपरेटर’ के तहत निजी कांट्रैक्टरों को देगी। शेष मुद्रीकरण निजी क्षेत्र के कोल ब्लॉक नीलामी के माध्यम से होगा। इसके पहले के वित्त वर्ष में संपत्ति मुद्रीकरण का लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये था, जबकि कोयला मंत्रालय 24,626 करोड़ रुपये हासिल करने में सफल हुआ।
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