बिलासपुर पुलिस का कारनामा, सट्‌टा किंग को पैसे लेकर छोड़ा…

बिलासपुर,06 मई  बिलासपुर पुलिस की एंटी साइबर एंड क्राइम यूनिट (एसीसीयू) का नया कारनामा सामने आया है। टीम के सदस्यों ने मध्यप्रदेश के ऑनलाइन सट्‌टा चलाने वाले माफिया को पकड़कर छोड़ दिया। हैरानी की बात है कि इसकी जानकारी पुलिस अफसरों को भी नहीं दी गई और ब्रांच स्तर पर ही मामले को रफादफा कर दिया गया। सेटिंग में एक पार्षद ने मीडिएटर की भूमिका निभाई और हवाला के जरिए पैसों का लेनदेन किया गया। बताया जा रहा है कि सट्‌टा किंग मनोज पंजवानी का बिलासपुर में ससुराल है और वह शादी में शामिल होने आया था। वह मध्यप्रदेश के कटनी का रहने वाला है और दुबई से संचालित एप के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा खिलाता है।

वह बीते बुधवार की रात बिलासपुर आया था और तोरवा के धान मंडी के सामने ईश्वरी विष्णु कृपा के पास ठहरा हुआ है।
इसकी जानकारी मिलते ही एसीसीयू की टीम वहां पहुंच गई। टीम ने मनोज पंजवानी को पकड़ भी लिया। इसकी भनक लगते ही तोरवा क्षेत्र का पार्षद भी पहुंच गया। सट्‌टेबाज से सेटिंग करने में पार्षद ने मीडिएटर की भूमिका निभाई और लेनदेन तय कर उसे छोड़ दिया गया। इस पूरे खेल में जिस तरह से काम हुआ, जिसकी भनक पुलिस अफसरों को नहीं लगी। न ही एसीसीयू प्रभारी ने इसकी जानकारी दी। सुनियोजित तरीके से हुए इस लेनदेन की पुख्ता शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों से की गई है, जिसमें बताया गया है कि सट्‌टेबाज ने हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर किया है।

हालांकि, पुलिस अफसर अगर गंभीरता से जांच कराएंगे तो सेटिंग करने वाले खुद ब खुद सामने आ जाएंगे। क्योंकि, हवाला का पैसा तारबाहर क्षेत्र के मैग्नेटो माल के पास रहने वाले युवक के पास आया है और उसके माध्यम से ट्रांक्जेक्शन किया गया है। बैंक अकाउंट की जानकारी जुटाने पर दोषियों का सामने आना तय है। ऑनलाइन सट्‌टा एप संचालक का शहर में ससुराल है। बताया जा रहा है कि वह सट्‌टे की काली कमाई को यही इन्वेस्ट कर रहा है। इसमें उसके 30-40 करोड़ की बेनामी संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है।

वह अपने रिश्तेदारों के जरिए रकम इन्वेस्ट करता है। बिलासपुर में कई जगह दुकानें हैं। इलेक्ट्रिकल्स व्यापारी के जरिए कुछ कई जगह बड़ी जमीन खरीदी है ।राजकिशोर नगर में स्मृति वन के पास अपार्टमेंट बनवा रहा है। एसीसीयू प्रभारी धर्मेद्र वैष्णव का कहना है कि सट्‌टा संचालक के बारे में मुझे तो नाम तक पता नहीं है और न ही मुझे आने की जानकारी है। टीम से कौन गया था यह भी जानकारी नहीं है। इस संबंध में टीम के सदस्यों से पूछताछ की जाएगी। ऐसा हुआ है तो अफसरों को जानकारी देकर उनके खिलाफ कार्रवाई भी जाएगी।

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