मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना से मजदूर की बेटी ने की MBBS की पढ़ाई

कांकेर ,03 मई । यह सच है कि जितने बड़े सपने होते हैं उतने ही कठिनाइयां बढ़ती जाती है, कांकेर जिले के एक छोटे से गांव बागोडार के निवासी कलाबाई मरकाम जो छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत मजदूर हैं। उनके सपने भी बड़े थे कि उनके बच्चे भी पढ़ लिखकर अच्छा मुकाम हासिल करें, उनके समाज में अलग पहचान बन सके लेकिन जगह-जगह जाकर मजदूरी कर अपने बच्चों को अच्छे शिक्षा नहीं दे पाने की दुःख उन्हें मन ही मन चुबता था। एक समय ऐसा आया जब राज्य सरकार की योजना मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहारा मिला और उनकी सपनों में रंग भरने लगी।

कलाबाई की बेटी अल्का मरकाम बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से शुरू हुई, कक्षा पहली से आठवीं तक गांव के ही स्कूल में पढ़ाई की और कक्षा नौवीं से दसवीं तक के लिए प्रयास आवासीय विद्यालय कांकेर में उनका चयन हुआ। प्रयास आवासीय विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बहुत अच्छे होने के कारण उनका चयन कक्षा ग्यारहवीं से 12वीं के लिए प्रयास आवासीय विद्यालय रायपुर में हुआ और कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद प्रयास आवासीय विद्यालय में ही रहकर नीट की तैयारी करने लगी उनका चयन एमबीबीएस में हुआ और आज वह बलिराम कश्यप मेमोरियल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय डीमरापाल जगदलपुर में एमबीबीएस के फाइनल इयर में पढ़ाई कर रही है।

श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर दी जाने वली प्रोत्साहन राशि से कलाबाई की जीवन में एक सुनहरा भविष्य दे दिया है। एमबीबीएस पढ़ाई कर रही अल्का के पिता रामचरण मरकाम इस उपलब्धि से काफी उत्साहित हैं, उनका मानना है कि इस योजना के बिना शायद ही मेरी बेटी आज इस मुकाम तक पहुंच पाती। इस योजना से छत्तीसगढ़ के दूरदराज क्षेत्रों के गरीब बच्चे भी अच्छे शिक्षा पाकर अपनी भविष्य गढ़ रहे हैं। मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता की उम्मीदों को जिंदा कर दिया है। रामचरण मरकाम ने इस योजना से लाभान्वित होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किये हैं।