वनकर्मियों को मिले दो-दो शासकीय मकान, विभाग का नहीं है ध्यान

रायगढ़ । शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती है, लेकिन कई बार कर्मचारी उसका दुर्पयोग भी करते हैं। अब बात अगर वन विभाग की करें तो इनकी सुविधा के लिए कर्मचारियों को उनके मुख्यालय में रहने मका शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती है, लेकिन कई बार कर्मचारी उसका दुर्पयोग भी करते हैं। अब बात अगर वन विभाग की करें तो इनकी सुविधा के लिए कर्मचारियों को उनके मुख्यालय में रहने मकान अर्लाट किया जाता है, लेकिन रायगढ़ वन मंडल में तो कुछ कर्मचारियों पर विभाग के अधिकारी इस कदर मेहरबान हैं कि इन्हें दो-दो मकान में रहने की अनुमति दे दी है। ऐसे में उन कर्मचारियों को मकान नहीं मिल पाता है, जो इसके हकदार हैं।

बेलादुला फारेस्ट काॅलोनी में भी कुछ ऐसे बीटगार्ड और वनकर्मी हैं जो एक नहीं बल्कि दो दो मकान में रह रहे हैं। ऐसे में पूर्व में इसकी खबर को प्रमुखता से उठाया गया था, लेकिन बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और अब तक न उन कर्मचारियों को नोटिस जारी की गई है और न ही उनसे रेंट पेनाल्टी वसूलने की कार्रवाई की गई है। जबकि विभागीय जानकारों का कहना है कि मामले की जानकारी लगते ही तत्काल इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए, पर विभाग का इस ओर ध्यान नहीं है।

यह भी बताया जा रहा है कि कई मकान जर्जर हालत में है और इस वजह से कर्मचारी अपने मुख्यालय में रहना नहीं चाहते। जबकि उसकी मरम्मत के लिए प्रयास किया जा सकता है, लेकिन जर्जर मकान का हवाला देकर कर्मचारी मुख्यालय से दूर रायगढ़ में रहते हैं। ऐसे में वन अपराध घटित होने से इंकार नहीं किया जा सकता। रायगढ़ वन मंडल में कई बीट संवेदनशील हैं। क्योंकि उन जंगलों में इमारती पेड़ों के साथ वन्यप्राणी भी हैं। बंगुरसिया, जामंगा सर्किल के साथ ही घरघोड़ा रेंज के कई बीट को संवेदनशील माना जाता है और यहीं के कर्मचारियों को दो-दो मकान में रहने की अनुमति दे दी गई है। उच्च कार्यालय से जांच के लिए मामला आने के बाद जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। सभी कर्मचारियों को मुख्यालय में रहना अनिवार्य है। ताकि जंगलों की सुरक्षा हो सके।