हार्ट के मरीजों के लिए समय बहुत महत्वपूर्ण, एनकेएच में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी की सुविधा प्रारंभ

कोरबा। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.सतीश सूर्यवंशी ने 28 अप्रैल को प्रातः 11 बजे से शाम 7 बजे तक एनकेएच कोरबा अस्पताल में उपस्थित रहकर चिकित्सा व परामर्श प्रदान किया। वहीं सफलता पूर्वक 5 मरीजों की एंजियोप्लास्टी व एंजियोग्राफी की गई। डॉ.सूर्यवंशी लंबे समय से प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एसएमसी हॉस्पिटल रायपुर के वे डायरेक्टर हैं। एनकेएच अस्पताल में विशेष तौर पर सेवा देने पहुंचे डॉ.सूर्यवंशी ने बताया कि एनकेएच अस्पताल में अब हृदय रोग के मरीजों के लिए बहुत ही बेहतर सुविधा प्राप्त होने जा रही है। यहां कैथोलैब में एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी की सुविधा मिलेगी। जिससे हृदय रोग के मरीजों को समय पर काफी राहत मिलेगी।


डॉ.सूर्यवंशी ने बताया कि हार्ट के मरीजों के लिए समय बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। उन्हें मेजर अटैक आने पर समय रहते अस्पताल में शिफ्ट करना जरूरी होता है। इसके बाद एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी की उपचार विधि का लाभ समय पर मिल जाने से खतरा टालना सम्भव हो जाता है। यह सुविधा उन्हें नहीं मिली तो जान पर खतरा बन जाता है। कई ऐसे मामले होते हैं जब मरीज को शिफ्टिंग के दौरान ही जान गंवानी पड़ जाती है लेकिन समय पर उपचार की सुविधा प्राप्त हो जाए तो जीवन पर संकट टल जाता है। जब हृदय की धड़कन कम हो, ब्लड प्रेशर कम होने लगे तो ऐसी परिस्थितियों में कोरबा जिले में और खासकर शहर के भीतर हृदय रोगियों के लिए एंजियोग्राफी एंजियोप्लास्टी की सुविधा किसी सौगात से कम नहीं।

उन्होंने बताया कि एनकेएच में एसएमसी हॉस्पिटल,रायपुर के हृदय रोग के स्पेशलिस्ट अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। रायपुर, भिलाई, अंबिकापुर, जगदलपुर के बाद अब कोरबा में यह महत्वपूर्ण सुविधा एनकेएच में प्रारंभ हुई है। एनकेएच में नियमित सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। अभी डॉक्टर सुदीप्तो शाह एनकेएच में सुविधा दे रहे हैं। डॉ.सूर्यवंशी ने बताया कि उनके अलावा डॉ.एसएस मोहंती, डॉ.भरत अग्रवाल, गौरव जैन व डॉ. सक्सेना के द्वारा रोटेशन में आकर सेवा प्रदान की जाती रहेगी। कोरबा जैसे औद्योगिक जिला में हार्ट के मरीजों के लिए यह सुविधा नि:संदेह चिकित्सा सेवा में सौगात है क्योंकि अब हार्ट के मरीजों को मेजर अटैक की शिकायत पर तत्काल उपचार की सुविधा प्राप्त हो सकेगी और उनके जीवन की रक्षा संभव होगी। उन्हें दूसरे शहर या जिले की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

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