रायगढ़ । प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से बनी पहली अग्निवीर महिला सैनिक हिशा बघेल के पिता द्वारा अपनी मृत्यु की खबर बेटी से छिपाए जाने की मार्मिक घटना का अपने सोशल मंच से जिक्र करते हुए भावुक हो गए। भाजपा नेता ओपी ने इस घटना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले के बोरीगार निवासी आटो चालक पिता को जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्पूर्ण योजना अग्निवीर की जानकारी हुई तो पिता ने अपनी बेटी हिशा बघेल को अग्निवीर बनाने के लिए सपने संजोए।
वहीं पिता के सपनो को पूरा करने बेटी ने सेना की वर्दी पहनने की ठानी। पिता की इच्छा पूरी करने बहादुर बेटी अग्निवीर बनने परिवार से दूर प्रशिक्षण के लिए रवाना हो गई। हिशा के जाने के बाद पिता का कैंसर से निधन हो गया। निधन के पूर्व पिता ने अंतिम इच्छा जताई कि मेरी मृत्यु की सूचना बेटी को न दी जाए, क्योंकि मेरी मृत्यु की खबर पाकर वह ठीक से प्रशिक्षण नही कर पाएगी। पिता की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए बेटी को इस जानकारी से दूर रखा गया।
हिशा जब वापस लौटी तो गांव वालों ने भव्य स्वागत किया। हिशा ने यह प्रमाणित किया कि मुश्किलों और चुनौतियों को पार कर जिंदगी को अपने जुनून से गढ़ने वाले ही कामयाब होकर सिकंदर कहलाते हैं। बेटी प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर बनकर लौटी तो पूरे गांव ने सम्मान किया। लेकिन वर्दी पहनी बेटी हिशा का हृदय भावुक था, अपने बहते आसुओं को छिपाने उसने काला चश्मा पहना। ताकि मुस्कुराहट के पीछे गम के आंसू छिपाए जा सकें। वर्दी में पिता को सैल्यूट करने का मौका नहीं मिला, लेकिन छत्तीसगढ़ की बहादुर बेटी ने नम आंखों के साथ पिता की तस्वीर के सामने उन्हे सैल्यूट किया। ओपी चौधरी ने स्वर्गीय पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा ऐसे पिता धन्य हैं, जिसने विपरित परिस्थितियों में बेटी हिशा को बहादुर अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित किया। ओपी ने छत्तीसगढ़ की पहली अग्निवीर बेटी हिशा बघेल के अदम्य साहस की सराहना करते हुए लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा दाई बताया। वहीं इस गौरव पूर्ण उपलब्धि के लिए बेटी हिशा बघेल को बधाई देते हुए ईश्वर से उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की है
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