लखनऊ : माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या के बाद एक-एक कर नए तथ्य सामने आ रहे हैं। अतीक की बेनामी संपत्तियों से लेकर काले कारोबार की गहरी जड़ें हो या फिर गिरोह को उपलब्ध असलहे। आईएसआई कनेक्शन और उमेश पाल की हत्या में पत्नी शाइस्ता की शूटरों को रकम मुहैया कराने से लेकर अन्य गहरी साजिशें।
इन सबके बीच अब अतीक अहमद की एक वाट्सएप चैट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित है, जिसमें अतीक लखनऊ के बिल्डर मुस्लिम खान से न सिर्फ काली कमाई का हिसाब मांग रहा है, बल्कि यह कहते हुए कि “मैं अभी मरने वाली नहीं” कहते हुए मुस्लिम को धमका भी रहा है।
पुलिस ने नहीं की पुष्टि, न ही किया खंडन
यूपी पुलिस ने अभी इस चैट के सही होने की आधिकारिक पुष्टि की है और न ही गलत होने का खंडन। वरिष्ठ अधिकारियों का यह जरूर कहना है कि प्रसारित चैट को भी जांच में शामिल किया जाएगा। प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या की छानबीन के दौरान पूर्व में एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया था कि बिल्डर मुस्लिम खान ने अतीक की पत्नी शाइस्ता को 80 लाख रुपये पहुंचाए थे।
चैट में लिखा- बहुत जल्दी हिसाब शुरू कर दूंगा
प्रसारित चैट जिस मोबाइल से की गई है, उसका नंबर एमपी के नाम से फीड है। यानी पूर्व सांसद रहा अतीक अहमद। अतीक लिखता है कि “मुस्लिम साहब पूरे इलाहाबाद में बहुतों ने हमसे फायदा उठाया लेकिन सबसे ज्यादा तुम्हारे घर ने उठाया”। “आज #$!& लोग हमारे खिलाफ एफआइआर लिखा रहे हैं और पुलिस की शह में काम कर रहे हैं”। “आपको आखिरी बार समझा रहा हूं बहुत जल्दी सारे हालात बदल रहे हैं”। “मैंने सब्र कर लिया है मेरे कोई लड़के न डॉक्टर बनेंगे न वकील बनेंगे और सिर्फ हिसाब होना है और इंशाअल्लाह बहुत जल्दी हिसाब शुरू कर दूंगा”।
फिर धमकाने की असली शुरुआत होती है। अतकी आगे लिखता है कि “जहां तक आपका घर है कोई जान मारने लायक नहीं है लेकिन, मैं एक वादा कर रहा हूं आपसे अच्छे, मुस्लिम और मुस्लिम का ससुर ये तीन लोग पेट भर मार खाएंगे”। “मैं आपको आखिरी बार कह रहा हूं आप मेरे बेटे से ईडी-ईडी कर रहे, ईडी ने अभी आपका पैसा सीज तो किया नहीं”। “बेहतर यह है कि हमारे बेटे उमर का जो हिसाब है और असद ने जो पैसा दिया है वो हमें इलेक्शन में जरूरत है”। “हमारी आपसे कोई दुश्मनी तो नहीं” “आपके घर ने अपनी किस्मत और अक्ल से कमाया”। “लेकिन हमारे जो पैसे हैं तुरंत दे दें तो वो ही इस वक्त हमारे बहुत काम आएगा और शायद …. आपकी तरफ से ध्यान हट जाए” ।
फिर लिखता है कि “मैं अभी मरने वाला नहीं हूं इंशाअल्लाह एक्सरसाइज करता हूं दौड़ता हूं” “बेहतर है हमसे आकर मिल लो। अतीक अहमद। साबरमती जेल, अहमदाबाद”। चैट के प्रसारित स्क्रीनशॉट में तारीख सात जनवरी, 2023 की है।
शाइस्ता को चुनाव लड़ाने की तैयारी में अतीक अहमद
चैट को सही मानें तो एक बात साफ है कि अतीक साबरमती जेल में मोबाइल फोन व इंटरनेट का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहा था। दूसरी यह कि अपनी पत्नी शाइस्ता को प्रयागराज से महापौर का चुनाव लड़ाने की पूरी तैयारी में था। इतना ही नहीं, उसे इस बात का भी पूरा गुमान था कि अभी उसके आतंक में कोई कमी नहीं आने वाली।
हालांकि, उमेश पाल की हत्या के बाद वक्त ने ऐसी करवट ली कि अतीक का पूरा कुनबा ही तितर-बितर हो गया। एक बात यह भी सामने आ रही कि ईडी की जांच से भी अतीक बेचैन था और उसे पता था कि जांच एजेंसी उसकी बेनामी संपत्तियों को खोज ही निकालेगी। लिहाजा वह बेटों के नाम लगी काली कमाई को बिल्डर से वसूल करना चाह रहा था।
अतीक को था ईडी के शिकंजे का अंदेशा
अतीक को इस बात का भी पूरे अंदेशा था कि आगे चलकर उसके करीबी बिल्डर मुस्लिम खान की संपत्तियों पर भी ईडी का शिकंजा कसेगा। बिल्डर मुस्लिम खान के विरुद्ध प्रयागराज में कई मुकदमे दर्ज बताए जाते हैं। प्रयागराज में उसने अतीक के आतंक के बलबूते कई जमीनें हासिल की थीं और रियल एस्टेट कारोबार में अपनी जड़ें जमाता चला गया।
लेनदेन को लेकर अतीक से खटास बढ़ने के बाद ही बिल्डर मुस्लिम खान लखनऊ भाग आया था और यहां अपने पैर जमा लिए थे। वहीं पुलिस के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रसारित चैट की सच्चाई क्या है? चैट सही है तो उसे प्रसारित किसने किया? अतीक प्रकरण की जांच में इनके जवाब भी तलाशे जाएंगे।
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