नेशनल पैथोलॉजी डे का हुआ आयोजन

दुर्ग। चंदूलाल चंद्राकर पैथोलॉजी द्वारा 13 अप्रैल को नेशनल पैथोलॉजी दिवस मनाया गया। इस दिन डॉ वीआर खनोलकर, भारत के पहले पैथोलॉजिस्ट के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में जाता है और इन्हें भारत के पैथोलॉजी और मेडिसिन रिसर्च के जनक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कुष्ट रोग, विकिरण और कैंसर के क्षेत्र में अथक परिश्रम करके भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें 1955 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।

पैथोलॉजी विभाग की विभागध्यक्ष डॉ. जयंती चंद्राकर व डॉ. करन चंद्राकर एवं डॉ. रौशन बघेल द्वारा संयोजित इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के 30 पैथोलॉजिस्ट्स ने भाग लिया। इस आयोजन में डॉ. मधुबाला स्वर्णकार

डॉ. प्राची शर्मा राठी, डॉ. नताशा खड़ीजा ने मरीज़ो पर आधारित अपने शोध पत्र पढ़े, एवं डॉ प्रियंवदा त्रिपाठी ने पैथोलॉजी डूडल प्रस्तुत किया। इंटर्न डॉक्टर्स व चिकित्सा छात्रों ने इस अवसर पर सुन्दर पोस्टर प्रदर्शित किए जिसमें आयुषी खरे ने प्रथम, धारा लटिया ने द्वितीय, तथा सौम्या सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर.के. चंद्राकर एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. राजू भाईसारे व डॉ. कुलदीप सांगा थे। कार्यक्रम में विज्ञान के नये अनुसन्धानों के बारे में विस्तृत जानकारियां दी गयीं जिससे अंचल के रोगियों को उत्तम सेवाएं दे सकें