रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले है। सभी राजनेतिक पार्टियां अभी से तैयारियों में जुट गए है। वही प्रदेश की राजनीती में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। जहां एक ओर भूपेश सरकार बस्तर को ब्रांड बनाने की बात कर रही है तो वही दूसरी ओर पूर्व सीएम रमन सिंह उनकी सरकार में ही बस्तर की ब्रांड बनने की बात कह रहे है। जिसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर रमन सिंह को आड़े हाथो किया है और निशाना साधते हुए कई आरोप लगाए है।
सीएम बघेल ने कहा कि बस्तर में रमन सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद कोई सैलानी नहीं जाता था। बाहर के लोगों की बात तो छोड़िए, छत्तीसगढ़ के लोग भी जाने से डरते थे। ये पहचान बस्तर की रमन सिंह ने बनाकर रखी थी। बस्तर में आए दिन IED ब्लास्ट की आवाज पूरे देश में सुनाई देती थी। रमन सिंह के कार्यकाल में आदिवासी दहशत में थे।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा व्यापारी और नौजवान डरे हुए थे। उन्होंने कहा कि हमने साढ़े 4 साल में आदिवासियों को उनकी जमीन लौटाई। लोगों को रोजगार दिलाया। उनके स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था फिर से शुरू कराई। रमन सिंह के कार्यकाल में ना जॉब कार्ड था, ना आधार कार्ड, उस समय जवानों को राशन पहुंचाने में मशक्कत करनी पड़ती थी। आज गरीबों के घर राशन पहुंच रहा है। बस्तर का प्राकृतिक सौंदर्य यहां की आदिवासी संस्कृति है। इसकी पहचान थी, जो विलुप्त हो गई थी, लेकिन हमने पुराने दौर को वापस लाने का काम किया है।
बीते 13 अप्रैल बस्तर में हुए सम्मलेन को लेकर रमन सिंह ने कहा था की तमाशा हो रहा है। जिसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह कभी ऐसा आयोजन नहीं करा सकते। इसलिए उनको यह तमाशा लग रहा है। वे बस्तर में लोगों को ढोकर लाते थे, कुछ को बंदूक की नोक पर लाते थे और अब उन्हें यह तमाशा लग रहा है। सीएम ने कहा कि रमन सिंह को बस्तर में कोई पूछ नहीं रहा। 12 की 12 सीट चली गई। उपचुनाव हुआ उसमें भी हार गए।
[metaslider id="347522"]