बेमेतरा। जिले के बिरनपुर गांव में हिंसा का शिकार बने भुनेश्वर साहू का आज दशगात्र है। दशगात्र के दिन पुलिस इस कदर सतर्कता बरत रही है कि मीडिया कर्मियों को भी बिरनपुर गांव जाने से रोक दिया गया है। जहां मीडिया को रोका जा रहा है वहां तहसीलदार मौजूद हैं, जिनका कहना है कि ऊपर से आदेश है, मीडियो को गांव में नहीं जाने देने का। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि, आखिर ऐसा क्या हो गया बिरनपुर में, जिसे जिला प्रशासन मीडिया से छुपाना चाहती है.
22 साल के भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी। गांव में तनाव का महौल बना हुआ था। हालांकि अब सब सामान्य बताया जा रहा है। आज मृतक भुनेश्वर साहू का दशगात्र है। यह दशगात्र बेमेतरा जिले के बिरनपुर में नदी के किनारे किया जा रहा है। गांव में हालात फिर से बेकाबू न हो इसके लिए पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट में है। यहां पर करीब 1200 जवान तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही घटना के बाद से धारा 144 लागू है। बाहर से आने वाले लोगों को एंट्री नहीं दी जाएगी। दशगात्र में सिर्फ मृतक के परिजन शामिल होंगे।
दरअसल, मृतक भुनेश्वर साहू के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जिसकी वजह से कलेक्टर पीएस एल्मा के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम उसके घर वालों से मुलाकात करने पहुंची थी। 13 अप्रैल को अधिकारी पीड़ित परिवार से मिले थे और दशगात्र की तैयारी को लेकर बातचीत की थी। उस वक्त कलेक्टर पीएस एल्मा ने कहा था कि बिरनपुर गांव में शांति रखने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है। और हम गांव वालों से भी अपील करते है कि दोनों समुदाय शांति बनाए रखें। इतना ही नहीं उसी दौरान सीएम भूपेश ने मृतक युवक के परिवार वालों को 10 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी।
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