IPS Dipka के विद्यार्थियों ने युवा संसद का जीवंत प्रदर्शन कर जाना संसद की कार्यवाही, साझा किए विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार


कोरबा, 12 अप्रैल । दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में संविधान की गरिमा को परिलक्षित करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया,जिसमें युवा संसद का आयोजन खास रहा ।कक्षा नवमीं,दसवीं,ग्यारहवीं एवं बारहवीं के विद्यार्थियों ने संसद की प्रतीकात्मक कार्यवाही का आयोजन कर विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की। अलग-अलग समूह में विभाजित विद्यार्थी पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी बातों को रखते थे।


इस युवा संसद की कार्यवाही में स्पीकर की भूमिका प्रियांशी पाठक ने निभाई। प्रधानमृंत्री की भूमिका समृद्धि आर्य ने निभाई। रेल मंत्री की भूमिका में तरूण जोशी एवं कक्षा 6 वीं के सुदेश्वर की भी छवि सराहनीय थी । विपक्ष की भूमिका में कक्षा 9वीं से चंचल,विशेष, सक्षम, मितुल और कक्षा 12वीं से रितिक जोशी ने अहम भूमिका निभाई। विभिन्न कक्षा स्तर में संविधान निर्माण विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया । माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों के लिए संविधान निर्माण एवं इसकी आवश्यकता विषय पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों को विभिन्न रोचक प्रश्नों के माध्यम से संसद कार्यवाही एवं महत्व से परिचित कराया गया । प्रतियोगिता के अंत में सभी विद्यार्थियों और अध्यापकगण ने विद्यालय के प्रांगण में एकत्रित होकर संविधान की शपथ लेकर स्वयं को गौरवान्वित किया । इस पूरे कार्यक्रम में विद्यालय के सामाजिक अध्ययन विभागाध्यक्षा श्रीमती शैलजा राव एवं विभागाध्यक्ष श्री संजीव चौधरी की सराहनीय भूमिका रही।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि हमारे विद्यार्थी ही हमारे राष्ट्र के भविष्य हैं। इन्हें देश के संसद में होने वाली कार्यवाहियों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए,ताकि वे न्यायपालिका,विधायिका एवं कार्यपालिका की कार्यवाहियों से अवगत हो सकें।वे जान सकें कि संसद में कानून का निर्माण कैसे होता है एवं किसी भी मुद्दे पर बहस कैसे होती है फिर किस प्रकार किसी निर्णय पर पहुँचा जाता है। किसी भी राष्ट्र की आत्मा उसका संविधान होता है । हमें गर्व है कि हमारा संविधान विश्व का सबसे वृहद लिखित संविधान है । इस गौरवशाली संविधान को निर्माण करने में 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन लगे । यह कार्य 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ । 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ । आपको यह जानकर गर्व महसूस होगा कि संविधान की असली प्रतियाँ हिंदी और इंगलिश दो भाषाओं में लिखी गई थी । इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है । हमारा संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बँटा दुनिया का सबसे लिखित संविधान है । संविधान निर्माण में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा । आज का दिन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सहित संविधान निर्मात्री सभी के प्रत्येक सदस्यों को नमन करने का दिन है । भारत की आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रूप में सेवा करने का निमंत्रण दिया । उन्हें 29 अगस्त को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया । वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें मजबूत और एकजुट भारत के लिए जाना जाता है ।