बंगलादेश के मुक्ति संग्राम सेनानी और जन स्‍वास्‍थ्य कार्यकर्ता डॉ. जफरूल्‍लाह चौधरी का निधन

ढाका। बंगलादेश के जाने माने मुक्ति संग्राम सेनानी और जन स्‍वास्‍थ्य कार्यकर्ता डॉक्‍टर जफरूल्‍लाह चौधरी का ढाका में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। डॉक्‍टर जफरूल्‍लाह चौधरी ने गरीब लोगों के सस्‍ते और अच्‍छे इलाज के लिए 1972 में गोनोश्‍थ्या केन्‍द्र की स्‍थापना की थी। बाद में बंगलादेश के लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं देने के लिए इसका विस्‍तार सात अस्‍पतालों और 50 उप-केन्‍द्रों के रूप में किया गया।

डॉक्‍टर जफरूल्‍लाह को 1985 में रेमोन मैगसेसे पुरस्‍कार तथा 1992 में सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में उनके विशिष्‍ट योगदान के लिए राइट लाइवलीहुड पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था। गरीबों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सुविधायें उपलब्‍ध कराने के बेहतरीन कार्य के लिए उन्‍हें गरीबों के मसीहा के रूप में जाना जाता है।

डॉक्‍टर जफरूल्‍लाह वर्ष 1971 में इंग्‍लैंड में अपनी चिकित्‍सा विज्ञान की पढाई छोडकर बंगलादेश मुक्ति अभियान में शामिल हो गए थे। उन्‍होंने बंगलादेश मुक्ति संग्राम के दौरान घायल स्‍वतंत्रता सेनानियों और शरणार्थियों के इलाज के लिए त्रिपुरा में मेलाघर में निकट एक बडे अस्‍पताल की स्‍थापना की थी। 1977 में उन्‍हें बंगलादेश के सबसे बडे नागरिक सम्‍मान स्‍वतंत्रता पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था।

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