काठमांडू । नेपाल और भारत ई-वॉलेट का उपयोग कर सीमा पार डिजिटल भुगतान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं, जिससे मुद्रा संबंधी बाधाओं को दूर कर व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। नेपाली मीडिया की खबरों के मुताबिक इस महीने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा के दौरान इस सौदे पर हस्ताक्षर हो सकता है।
यह समझौता नेपाल में भारतीय पर्यटकों को भारतपे, फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे भारतीय ई-वॉलेट का उपयोग कर डिजिटल भुगतान करने की अनुमति देगा। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पड़ोसियों ने इस उद्देश्य के लिए एक समझौता किया है और दस्तावेज पर दोनों देशों के अधिकारियों के हस्ताक्षर का इंतजार है।
काठमांडू में नई दिल्ली के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि नेपाल में प्रस्तावित भारतीय डिजिटल भुगतान सेवा से उसके यात्रा और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। कोविड-19 महामारी से पहले किए गए एक थलचर भारतीय विजिटर्स के सर्वेक्षण से पता चला है कि आने वाले भारतीय पर्यटकों के ठहरने की औसत अवधि 5.8 दिन थी। प्रति विजिटर औसत व्यय 11,310 रुपये था।
भारतीय मीडिया रिपोटरें के अनुसार, नेपाल की यात्रा करने का लाभ यह है कि किसी को पैसे बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। पर्यटन उद्यमियों का कहना है कि डिजिटल भुगतान सेवाओं के शुरू होने से नेपाल में भारतीय पर्यटकों और कारोबारियों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी ले जाने की परेशानी खत्म हो जाएगी।
पिछले मई में, पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर गेटवे पेमेंट सर्विस ने नेपाल में पहली बार इंटर-ऑपरेबल और मोबाइल-फस्र्ट टेक्नोलॉजी पर आधारित एक क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सिस्टम शुरू किया था। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और इसकी अंतरराष्ट्रीय शाखा इंटरनेशनल पेमेंट्स ने नेपाल में एकीकृत भुगतान इंटरफेस स्थापित करने के लिए गेटवे पेमेंट सर्विस और मनम इन्फोटेक के साथ हाथ मिलाया था।
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