इंदौर । होम्योपैथी से इलाज… यह सुनकर लोगों को लगता है कि इससे मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लग जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। यह सिर्फ भ्रांति है। एलोपैथी, आयुर्वेद के साथ ही अब लोग इस पैथी से भी इलाज करवाने लगे हैं। होम्योपैथ डा. एके द्विवेदी का दावा है कि कोरोनाकाल के बाद से होम्योपैथी के प्रति लोगों का रुख 60 प्रतिशत तक बढ़ गया है, क्योंकि कोरोना में होम्योपैथिक दवाओं ने महामारी के फैलाव को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई थी।
कई मरीजों को जिन्हें अस्पतालों में इलाज से मना कर दिया गया था, उनका इलाज भी होम्योपैथी से किया गया था। कैंसर, सिकलसेल, अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों के मरीज भी होम्योपैथी इलाज अपना रहे हैं। इसकी दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
विशेषज्ञों ने बताया कि होम्योपैथी के प्रति जागरूकता पहले से बढ़ने लगी है। एलोपैथी की बात करें, तो उसकी अपनी सीमाएं हैं। यदि कोरोना महामारी की ही बात करें, तो कई मामलों में एलोपैथी दवाएं बेअसर साबित होती नजर आईं। साथ ही एलोपैथी दवाओं के कुछ ना कुछ पार्श्व प्रभाव भी होते हैं।
दवा सुंघाकर किया जाता है इलाज
होम्यौपेथी में कुछ दवाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें मरीज को सिर्फ सूंघने के लिए कहा जाता है। मसलन, साइनुसाइटिस और नाक में गांठ की समस्या होने पर डाक्टर ऐसे ही इलाज करते हैं। 10-15 साल पहले तक होम्योपैथी इलाज के दौरान लहसुन, प्याज जैसी चीजें नहीं खाने की सलाह दी जाती थी, लेकिन नए शोधों ने इस सोच को भी बदल दिया है। अब डाक्टर इन चीजों को खाने में मना नहीं करते।
इसलिए मनाते हैं दिवस
विश्व होम्योपैथी दिवस इसलिए मनाया जाता है, ताकि लोग होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानें। साथ ही इसके लाभ से अवगत हों। लोगों में इसके प्रति जागरूकता आए। साथ ही लोगों की भ्रांतियां भी दूर हों।
80-90 प्रतिशत मामलों में लोग होम्योपैथ के पास तब पहुंचते हैं, जब अन्य चिकित्सा पद्धतियों से इलाज कराकर थक चुके होते हैं। कई बार तो 15 से 20 साल से इलाज कराने के बाद रोगी होम्योपैथ के पास पहुंचते हैं। समग्र रूप से खान-पान और रहन-सहन पर ध्यान दें तो लोग खुद ही अनुभव करेंगे कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति मानव मात्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
-डा. एके द्विवेदी, होम्योपैथ
लोगों में होम्योपैथी को लेकर जो भ्रांतियां हैं, वह गलत है। होम्योपैथी के इलाज में लंबा समय नहीं लगता है। लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ने लगी है। बड़ी-बड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज अब इस पध्दति से होने लगा है। इसके अलावा बाल झड़ना, चर्म रोग से संबंधित समस्याओं का इलाज भी बड़ी संख्या में लोग होम्योपैथी से लोग करवाने लगे हैं।
-डा. शालिनी तिवारी, होम्योपैथ
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