Anil Antony Joins BJP: भाजपा अब उत्तर के साथ दक्षिणी राज्यों में अपना पांव जमाने का प्रयास कर रही है. गुरुवार को यानि छह अप्रैल को केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने भगवा का दामन थाम लिया. भाजपा को अनिल एंटनी की एंट्री से बड़े लाभ की उम्मीद है. एंटनी केरल की राजनीति का बड़ा नाम है. एके एंटनी राज्य के सीएम रहे हैं. केंद्रीय मंत्री के साथ देश में कांग्रेस के लिए बड़ा चेहरा भी रहे. ऐसे में एंटनी का भाजपा में शामिल होने से करेल में भाजपा की पैठ बढ़ने वाली है.
जनवरी में आरंभ हो गई थी चर्चा
अनिल एंटनी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा जनवरी माह में होने लगी थी. हालांकि एके एंटनी ने ऐसी किसी अटकल पर विराम लगा दिया था. उन्होंने बेटे के भाजपा में शामिल होने के निर्णय को गलत बताया. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा, अंतिम सांस तक वे कांग्रेस में रहने वाले हैं. केंद्रीय मंत्री के बेटे अनिल एंटनी के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी को कई मुद्दों पर फायदा होने की उम्मीद है. जानें किन कारणों से भाजपा ने यह निर्णय लिया:
1. पार्टी केरल राज्य में ईसाई समुदाय तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश में है. राज्य में यह समुदाय प्रभावी रूप से सक्रिय है. राज्य में सत्ता तक पहुंचने के लिए इनका साथ जरूरी है.
2. भाजपा का केरल के साथ कर्नाटक चुनाव पर भी नजर बनी हुई है. यहां राज्य में अगले माह चुनाव होने हैं. कर्नाटक में ईसाई समुदाय की आबादी अच्छी है. यहां पर चर्च का असर है. भाजपा को उम्मीद है कि अनिल एंटनी के आने से ईसाई समुदाय में पैठ बढ़ेगी.
3. केरल में इस्लामी कट्टरवाद को बढ़ावा मिलने से ईसाई समुदाय में भय बढ़ गया है. राज्य में ईसाई धर्मगुरुओं ने इसे लेकर आवाज भी उठाई है. इस कारण अब भाजपा ईसाई समुदाय से जुड़ने का प्रयास कर रही है.
4. राज्य में मजबूत ईसाई नेताओं की आवश्यकता बढ़ रही है. अनिल एंटनी के आने से पार्टी को बड़ी उम्मीद है. यह पार्टी के लिए सुनहरा मौका है. केरल मामलों में भाजपा के प्रभारी के रूप प्रकाश जावड़ेकर की ईसाई नेताओं से खास मुलाकात इस संदर्भ का हिस्सा माना जा रहा है.
5. इस फैसले से भाजपा के लिए युवाओं को अपने पक्ष करने में मदद मिलेगी. अनिल एंटनी के जरिए युवाओं को पार्टी से जोड़ने का प्रयास है.
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