चित्रकार खेलेश्वर वर्मा की पेंटिंग कला, प्रदेश से बाहर भी है, बहुचर्चित

भारतीय संस्कृति में कला का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हर व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई कला तो होती है। मानव जीवन में हर एक व्यक्ति कला को अपनाना चाहता है। कला व्यक्ति को अलग ही स्थान में ले जाती है जहां मनुष्य का सम्मान बहुत ही बढ़ जाता है। प्राचीन काल से ही कला को बहुत ही सम्मान दिया जाता है उसकी इज्जत की जाती है क्योंकि हर एक व्यक्ति को कला प्राप्त नहीं हो पाती और जिसके पास कला होती है वह जिंदगी में कुछ भी कर सकता है। वहीं आज हम बात करेंगे छत्तीसगढ़ के हुनरबाज खेलेश्वर वर्मा की । खेलेश्वर वर्मा एक ऐसे आर्टिस्ट है जिनकी पेंटिंग न केवल छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है बल्कि भारत के अनेक राज्य में भी इनकी पेंटिंग नामी हैं । खेलेश्वर वर्मा की पेंटिंग से प्रभावित वीपीएम आर्टिस्ट संघ ने खेलेश्वर की कला को काफी ज्यादा सराहनीय माना है। बता दें, खेलेश्वर छत्तीसगढ़ के नवीन जिला खैरागढ़-छुईखदान-गन्डई के ग्राम झुरानदी के रहने वाले हैं । खिलेश चर्चा के दौरान बताते है कि बचपन से ही पढ़ाई की तुलना में पेंटिंग की चाह अधिक था । खेलेश ने अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए इसी क्षेत्र में अध्ययन शुरू किए ।खेलेश्वर की शिक्षा की बात करें तो नवोदय विद्यालय डोंगरगढ़ ,फैशन डिजाइन से डिप्लोमा INSD भिलाई से प्राप्त हुई है । इनकी वर्तमान शिक्षा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरगढ़ में हो रही है ।खेलेश्वर वर्मा की कला क्षेत्र नगर निगम,पुराना भोपाल ।जम्मू स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ,जम्मू ।
मरीन ड्राइव ,कांकेर।गावरी घाट ,जबलपुर। नगर पालिक निगम जगदलपुर।स्वामी आत्मानन्द स्कूल कवर्धा ।स्वच्छ सर्वेक्षण प्रोजेक्ट जैसलमेर जैसे अनेक स्थान में प्रदर्शन कर चुके है। इनकी पेंटिंग कला की खास बात यह है कि खेलेश्वर 99% मैचिंग पेंट कर सकते है । खेलेश वाटरकलर पेंटिंग,रंगोली पेंटिंग, ऑयल पेंटिंग, एक्रीलिक पेंटिंग, चारकोल पेंटिंग, पास्टल पेंटिंग हुबहू करते हैं।