पटना। श्रीराम के प्रकट दिवस को लेकर मनाए जाने वाले रामनवमी पर्व को लेकर बिहार के नालंदा और सासाराम में हुई हिंसा का मुद्दा सोमवार को बिहार विधानसभा में भी उठा। सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने हो गए। लगातार हंगामा होते देख विधानसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के सदस्यों ने राज्य के विभिन्न इलाकों में हुई हिंसक झड़प को जोरदार तरीके से उठाया। इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने नारेबाजी और शोरशराबा करते दिखे।
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने बिहार में हुई हिंसा को लेकर नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तुष्टिकरण की नीति के कारण अल्पसंख्यकों पर कारवाई नहीं की जा रही है और हिंदुओं को अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के बड़े अधिकारी ऐसे उपद्रवी तत्वों को बचा रहे हैं।
इधर, सत्ता पक्ष के लोगों ने इसके लिए आरएसएस और बजरंग दल को जिम्मेदार ठहराया। भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने दंगा फैलाने का आरोप आरएसएस और बजरंग दल जैसे संगठनों पर लगाते हुए कहा कि ये सभी बिहार को अशांत करना चाहते हैं। उन्होंने ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की। इसके बावजूद भी हंगामा जारी रहा तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
[metaslider id="347522"]