रायपुर,3 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के 22 जिलों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम जीवनधारा के अंतर्गत डायलिसिस की सुविधा प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा 30 से अधिक चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसकी मदद से अब प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध होगी और रोगियों को इसके लिए मेट्रो शहर की ओर नहीं जाना होगा।
नेशनल हैल्थ मिशन, छत्तीसगढ़ और एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इसके लिए सतत् प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम एम्स में संपन्न हुआ। इसमें 22 जिलों जिसमें दुर्ग, बेमेतरा, जशपुर, कोरबा, बिलासपुर, कांकेर, सरगुजा, बालोद, बीजापुर शामिल हैं, के 30 से अधिक चिकित्सकों को डॉ. विनय राठौड़ और डीकेएस के डॉ. वरूण अग्रवाल ने प्रशिक्षण प्रदान किया।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने चिकित्सकों को श्रेष्ठ प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एम्स की प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। उनका कहना था कि किडनी रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश के सभी हिस्सों में डायलिसिस की सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता है।इसके लिए एम्स हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
डॉ. राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में जीवनधारा योजना के अंतर्गत 100 डायलिसिस मशीन लगाई गई हैं। इस अवसर पर जीवनधारा के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए एम्स को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने सभी जिलों में डायलिसिस की सुविधा रोगियों को प्रदान करने के लिए चिकित्सकों को प्रेरित किया।कार्यक्रम में अधिष्ठाता प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल और डॉ. रणवीर बघेल ने भी भाग लिया।
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