KORBA : राजस्व मंत्री Jai Singh Agrawal ने कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता को किया सम्बोधित, कहा…

कोरबा,31 मार्च। कोरबा में राजस्व मंत्री जयसिंह ने आज टी पी नगर काग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि

मोदी राज में आम जनता की आवाज उठाने, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है।

दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के
खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष 4 बार
के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते है तो उनको बोलने नहीं दिया जाता,
उनका माइक बंद कर दिया जाता है, सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का
प्रदर्शन करते हुये संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते है। केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा
को तार-तार करते हुये अनर्गल बाबाजी करते है और जब इन सबसे भी राहुल गांधी, कांग्रेस
पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते तो एक और षडयंत्र रचा जाता है ।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने का यह हम पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार
ब्यौरा आपके समक्ष रखते है आप खुद विचार करिये, देखिये इस देश के लोकतंत्र को किस
प्रकार नष्ट किया जा रहा है ।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है। सबसे पहले राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी ) क्यों है – उन्होंने ऐसा नहीं कहा है कि सारे मोदी चोर है! उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। दूसरा, न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है । और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की? भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है? तीसरा, कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है ।

आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आज तक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद, आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था लेकिन उन्हें केवल 1 साल की जेल हुई। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद जी को या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेजों ने सजा दी। अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी, फिर जीतेगी ।

यह प्रहार सिर्फ राहुल गांधी पर नहीं यह आक्रमण देश के समूचे विपक्ष पर यह देश की 135 करोड़ जनता को धमकाने की साजिश है । राहुल गांधी विपक्ष के सबसे प्रभावशाली नेता है । जब उनकी सदस्यता रद्द कर सकते है उनकी आवाज दबा सकते हैं तब आम आदमी की क्या बिसात? यह भारत के प्रजातंत्र में तानाशाही की शुरूआत है कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं । हम जनता के बीच जायेंगे, देश के हर गली, मोहल्ले, चौक-चौराहे को संसद बनायेंगे । कहां-कहां आप हमारी आवाज रोकेंगे?

बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है-

सबसे पहले, उन्होंने दावा किया कि श्री राहुल गांधी ने विदेशी ताकतों से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। ये एक सफेद झूठ है ! अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें, तो उन्होंने कहा कि ये भारत का अंदरूनी मामला है, हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।

दूसरा, भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि श्री राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था ! ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा ! जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है ?

तीसरा सूरत, गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर भाजपा ने श्री गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए बिजली की गति से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था ! भाजपा श्री राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है ?

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