नयी दिल्ली, 30 मार्च । केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों से कहा है कि यदि किसी कैलेंडर साल में उनका शेयर बाजार, शेयर या अन्य निवेश में कुल लेनदेन छह महीने के मूल वेतन से अधिक है तो वे इसकी जानकारी मुहैया कराएं। कार्मिक मंत्रालय ने इस बाबत हाल में एक आदेश जारी किया है।
यह जानकारी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली, 1968 के नियम 16(4) के तहत उनके द्वारा दी जाने वाली इसी प्रकार की सूचनाओं से अतिरिक्त होगी। ये नियम अखिल भारतीय सेवाओं- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के सदस्यों पर लागू होंगे।
यह आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को जारी किया गया है। मंत्रालय ने 20 मार्च के आदेश में कहा कि शेयर, प्रतिभूति, डिबेंचर आदि को उपरोक्त नियमावली के नियम 16(4) के तहत चल संपत्ति माना जाता है, ऐसे में यदि लेनदेन अधिकारी के दो महीने के मूल वेतन से अधिक होता है तो ऐसी स्थिति में इस बारे में प्राधिकार को सूचित करना आवश्यक होगा। नियम 16(4) में कहा गया है, ‘‘इन सेवाओं के प्रत्येक सदस्य को हर उस लेनदेन के बारे में महीने भर के भीतर सूचित करना होगा जो उनके दो महीने के मूल वेतन से अधिक है।’’
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