1 अप्रैल से शुरू होगी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया, आवेदन हेतु कोई अंतिम तिथि नहीं
हितग्राहियों को बैंक खाते में सीधे मिलेगा भत्ता
कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ रोजगार-स्वरोजगार स्थापित करने का मिलेगा अवसर
कोरबा 30 मार्च । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल 2023 से बेरोजगारी भत्ता योजना लागू हो रही है। इस योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को हर माह 2500 रूपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। बेरोजगारों को साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी। बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ लेने आवेदक के पूरे परिवार की आय सलाना 2.50 लाख रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। परिवार से तात्पर्य पति-पत्नी, आश्रित बच्चे और आश्रित माता-पिता से है।
पात्रता की शर्तें-
बेरोजगारी भत्ता योजना के आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है। योजना के लिए आवेदन किए जाने वाले वर्ष के 1 अप्रैल को आवेदक की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम हायर सेकेण्डरी यानी 12वीं कक्षा पास हो। साथ ही छत्तीसगढ़ के किसी भी जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र में पंजीकृत हो और आवेदन के वर्ष की 1 अप्रैल की स्थिति में हायर सेकेण्डरी या उससे अधिक योग्यता से उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक की स्वयं का आय का कोई स्रोत न हो और आवेदक के परिवार के सभी स्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपए से अधिक न हो। पारिवारिक आय हेतु तहसीलदार या उससे उच्च राजस्व अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र बेरोजगारी भत्ता की आवेदन तिथि से 1 वर्ष के अंदर ही बना हो।
कौन होगा अपात्र-
बेरोजगारी भत्ता योजना के आवेदक के परिवार के एक से अधिक सदस्य यदि पात्रता की शर्तों को पूरा करते हैं तो परिवार के एक ही सदस्य को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा। ऐसी स्थिति में बेरोजगारी भत्ता उस सदस्य को स्वीकृत किया जाएगा, जिसकी उम्र अधिक हो। उम्र समान होने की स्थिति में रोजगार कार्यालय में पहले पंजीयन करने वाले सदस्य को बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्र किया जाएगा। उम्र और रोजगार पंजीयन की तिथि, दोनों समान होने की स्थिति में उस सदस्य को पात्र किया जाएगा जिसकी शैक्षणिक योग्यता अधिक हो।
आवेदक के परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी संस्था या स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या फिर ग्रुप डी को छोड़कर अन्य किसी भी श्रेणी की नौकरी में होने पर ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होगा। यदि आवेदक को स्वरोजगार या शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में किसी नौकरी का ऑफर दिया जाता है, परंतु आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो वह योजना के लिए अपात्र हो जाएगा।
पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधानसभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे। साथ ही ऐसे पेंशनभोगी जो 10 हजार रूपए या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं, उनके परिवार के सदस्य भत्ते के लिए अपात्र होंगे।
साथ ही इनकम टैक्स भरने वाले परिवार के सदस्य, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टड एकाउंटेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे।
आवेदन की प्रक्रिया-
बेरोजगारी भत्ता योजना के लिए प्रतिवर्ष संचालक, रोजगार एवं प्रशिक्षण द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। इच्छुक आवेदकों से बेरोजगारी भत्ता लेने के लिए
https://berojgaribhatta.cg.nic.in/में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। वेबसाइट में आवेदक को सबसे पहले अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करना होगा। रजिस्ट्रेशन के समय ओटीपी की एंट्री करनी होगी। ओटीपी सत्यापन के बाद आवेदक को अपना लॉग-इन पासवर्ड बनाना होगा और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के आधार पर पोर्टल में आवेदन के लिए लॉग-इन करना होगा। आवेदक को अपनी सभी मूलभूत जानकारी निर्धारित फार्मेट के अनुसार पोर्टल में अपलोड करनी होगी।
आवेदक को ऑनलाइन आवेदन में पते के रूप में उसी जनपद पंचायत या नगरीय निकाय का पता देना होगा, जहां से उसका छत्तीसगढ़ का स्थानीय निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ है। ताकि उसे प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए उसी पंचायत या निकाय क्षेत्र में बुलाया जा सके। विवाहित महिलाओं को अपने पति के निवास प्रमाण पत्र से संबंधित क्षेत्र के निवास का पता देना होगा।
ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदक को आवेदन का प्रिंट निकालकर उस पर हस्ताक्षर करना होगा और उसके साथ अन्य सभी प्रमाण पत्रों की मूल प्रति के साथ उसे सत्यापन तिथि को निर्धारित समय और स्थान पर आना अनिवार्य होगा। सत्यापन तिथि, स्थान और समय की जानकारी पोर्टल के डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराई जाएगी। डैशबोर्ड पर ही पात्रता, अपात्रता, अपील पर लिए गए निर्णय, बेरोजगारी भत्ते के भुगतान और कौशल प्रशिक्षण के ऑफर की जानकारी मिलेगी।
अपील एवं शिकायत की प्रक्रिया एवं उसका निराकरण-
अपात्र घोषित होने पर आवेदक को 15 दिन के अंदर पोर्टल में अपने दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन अपील करना होगा। आवेदक के अपील का निराकरण कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा अधिकृत अधिकारी 15 दिन के अंदर करेंगे और अपील का निर्णय पोर्टल में अपलोड किया जाएगा। यदि कोई अपात्र आवेदक पात्र घोषित कर दिया जाता है तो इसके खिलाफ कोई भी व्यक्ति कलेक्टर या अधिकृत अधिकारी को तथ्यों के साथ शिकायत कर सकता है। इस शिकायत पर 15 दिनों के अंदर सुनवाई कर निर्णय लिया जाएगा। इस निर्णय की जानकारी को भी पोर्टल में अपलोड किया जाएगा। शिकायत सही पाये जाने पर आवेदक का बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
बेरोजगारी भत्ता का भुगतान-
बेरोजगारी भत्ता योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को रोजगार एवं प्रशिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर द्वारा प्रतिमाह 2500 रूपए का भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा। आवेदन करते समय आवेदक को अपने बचत बैंक खाते का खाता नंबर, आईएफएससी कोड की सही जानकारी देनी होगी। बैंक खाता में त्रुटि के कारण भुगतान नहीं हो पाने की जिम्मेदारी आवेदक की होगी।
बेरोजगारी भत्ता की अवधि-
योजना के अंतर्गत बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्र आवेदक को प्रथमतः एक वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता देय होगा। यदि हितग्राही विशेष को एक वर्ष की इस अवधि में लाभकारी नियोजन प्राप्त नहीं होता है तो इस अवधि को एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकेगा। किसी भी स्थिति में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।
कौशल प्रशिक्षण-
योजना अंतर्गत जिन आवेदकों को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा उन्हें एक वर्ष की समयावधि में कौशल विकास प्रशिक्षण का ऑफर दिया जाएगा। कौशल विकास प्रशिक्षण के बाद आवेदक को रोजगार प्राप्त करने में सहायता की जाएगी। आवेदन में उल्लेखित व्यवसायों में से किसी एक व्यवसाय में कौशल विकास प्रशिक्षण निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यदि आवेदक प्रशिक्षण लेने से इंकार करते है या ऑफर किया गया रोजगार स्वीकार नहीं करते है तो उनका बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया जाएगा।
बेरोजगारी भत्ता हितग्राहियों की समीक्षा-
संबंधित पंचायत व निकाय नियमित रूप से हर 6 माह में बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अभी भी बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए पात्र हैं या नहीं। जांच में अपात्र होने वाले हितग्राहियों को नोटिस जारी किया जाएगा और सुनवाई के बाद उनका बेरोजगारी भत्ता बंद करने का आदेश जारी किया जाएगा एवं इसकी जानकारी पोर्टल में अपलोड की जाएगी।
बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले हितग्राही को यदि किसी प्रकार का रोजगार प्राप्त हो जाता है तो इसकी जानकारी हितग्राही को स्वयं पोर्टल में अपलोड करनी होगी। इस संबंध में जानकारी नहीं देने पर संबंधित निकाय या पंचायत को इसकी जानकारी अन्य माध्यम से प्राप्त होती है तो हितग्राही का भत्ता तत्काल बंद करने की जानकारी की प्रविष्टि पोर्टल में करेंगे और संबंधित हितग्राही के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
पात्र बेरोजगारों को योजना से लाभान्वित करें
कोरबा जिला में कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने इसके लिए 9 सदस्यीय समिति का गठन किया है। कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति आवश्यक व्यवस्था की मॉनिटरिंग आदि करेगी। डिप्टी कलेक्टर श्रीमती ऋचा सिंह को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बेरोजगारी भत्ते के लिए पात्रता रखने वाले बेरोजगारों को इस योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं।
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