पैतृक संपत्ति का बंटवारा समय पर नहीं होने के कारण लड़ाई

डुमरिया व नरेशपुर में विधिक जागरुकता शिविर आयोजित

सूरजपुर । जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर गोविन्द नारायण जांगडे के मार्गदर्शन में रविवार को ग्राम डुमरिया व नरेशपुर में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में राजेंद्र कुमार वर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूरजपुर एवं असलम खान, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सूरजपुर उपस्थित रहे।

शिविर में राजेंद्र कुमार वर्मा ने ग्रामीण को सिविल मामले के संबंध में बताया कि ज्यादातर मामले पैतृक संपत्ति में विधिवत बंटवारा न होने के कारण घर परिवार में लड़ाई झगड़े के होते हैं। पैतृक संपत्ति का बंटवारा पीढ़ी दर पीढ़ी सही समय पर विधिवत होता रहे तो भाई भाई के मध्य होने वाले लड़ाई झगड़े काफी कम हो जायेंगे। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा अगर आपके हाथों कोई घटना घटित हो जाती है तो आप यह कह कर नहीं बच सकते कि हमें कानून की जानकारी नहीं थी अगर आप के हाथों कोई अपराध घटित हुई है तो आपको कानून में दिए प्रावधानों के अनुसार उस अपराध की सजा भुगतनी पड़ेगी।

आगे उन्होंने प्रथम सूचना रिपोर्ट, माता पिता वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, लोक अदालत एवं अन्य विषयों पर जानकारी प्रदान की। असलम खान ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए कहा न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है। यदि आप अपना प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहते या आपका कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है तो आपकी गरीबी आपको न्याय दिलाने में रूकावट नहीं होगी, अब आपके प्रकरणों में तहसील स्तरीय न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक विधिक सेवा समितियां कार्य कर रही है. जो निःशुल्क सेवा प्रदान करती है।

उन्होंने आगे कहा देश के सभी जिला न्यायालय, उच्च न्यायालयों में विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय संचालित है। जहां से अपने प्रकरण संबंधी सलाह या अपने प्रकरण की पैरवी हेतु अधिवक्ता की नियुक्ति निःशुल्क शासन के खर्चे पर प्राप्त किया जा सकता है। आगे उन्होंने मोटर व्हीकल एक्ट के संबंध में जानकारी देते हुए कहा यदि आपके पास गाड़ी है तो उसे बच्चों को चलाने की अनुमति बिलकुल न दे जब तक वो बालिक न हो जाएं और उनका  ड्राइविंग लाइसेंस न बन जाए साथ ही गाड़ी का बीमा एवं अन्य दस्तावेज सही रखे।

उन्होंने आगे कहा बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाना अपराध की श्रेणी में आता है बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर जुर्माना हो सकता है लेकिन अगर उसी गाड़ी से दुर्घटना हो जाती है तो आप बहुत बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। आगे उन्होंने चोरी संबंधित अपराध, सायबर अपराध प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित अन्य योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की।