विभिन्न विभागों की बैठक लेकर समय पूर्व संपूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने कलेक्टर ने दिए निर्देश
जांजगीर चांपा 24 मार्च । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता योजना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभिन्न विभागों की विडियो कॉफ्रेंसिग के माध्यम से बैठक लेकर दोनों योजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए समय पूर्व संपूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में 1 अप्रैल से प्रारंभ किए जाने वाले सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के लिए जिला स्तर पर समन्वय, क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण एवं संचालन के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले में निवासरत ग्रामीण परिवारों का सर्वेक्षण कार्य 30 अप्रैल 2023 तक पूरा किया जाना है। इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक प्रगणक दल का गठन किया जाएगा। जिसमें एक महिला एवं एक पुरूष सदस्य शामिल होंगे। ऐसे ग्राम पंचायत जहां परिवारों की संख्या अधिक है वहां एक से अधिक प्रगणक दल गठित करने के निर्देश दिए है।
बैठक में कलेक्टर सुश्री चौधरी ने बताया कि राज्य शासन द्वारा शिक्षित बेरोजगारों को 1 अप्रैल 2023 से 2500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होने बेरोजगारी भत्ता योजना के मापदंड, पात्रता, भत्ते की स्वीकृति की प्रक्रिया आदि की विस्तृत जानकारी दी। बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत केवल ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इसके लिए एनआईसी द्वारा वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल शीघ्र ही इस बेवपोर्टल का लोकार्पण करेंगे। बेरोजगारी भत्ता का भुगतान आवेदक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा। बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्र शिक्षित युवा को प्रथमतः एक वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता देय होगा। यदि व्यक्ति विशेष को एक वर्ष की उक्त अवधि में लाभकारी नियोजन नहीं हो पाता है तो बेरोजगारी भत्ते की अवधि एक वर्ष के लिए और बढ़ाई जा सकेगी। किसी भी प्रकरण में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी। आवेदक छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। आवेदन किये जाने वाले वित्तीय वर्ष के 1 अप्रेल को आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य हो। आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकेंडरी (12वीं उत्तीर्ण) शैक्षणिक योग्यताधारी हो। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र में पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। रोजगार आवेदक के आय का कोई स्त्रोत न हों एवं आवेदक के परिवार की समस्त स्रोतों से आय रुपये 2 लाख 50 हजार वार्षिक से अधिक न हो।
ऑनलाइन फार्म का भौतिक सत्यापन सीईओं जनपद और मुख्य नगर पालिका अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। योजना का आवदेनों का भौतिक सत्यापन आवेदकों को समक्ष बुलाकर किया जाएगा। जिसके लिए गांवो एवं शहरोें में वॉर्डों के क्लस्टर केन्द्र बनाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि क्लस्टर केन्द्र इस प्रकार बनाने के कहा है कि एक क्लस्टर केन्द्र में बहुत अधिक आवेदन न हो और भीड़-भाड़ से बचा जा सके। प्रत्येक क्लस्टर में इंटरनेट, पेयजल, छाया सहित अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर एस पी वैद्य, जिला पंचायत सीईओ डॉ ज्योति पटेल, एसडीएम श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू, तहसीलदार, सीएमओ चंदन शर्मा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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