हिन्दुस्तान में सेक्स-शिक्षा शब्द बदनाम हो गया है : वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार

रायपुर । छोटे बच्चों से लेकर किशोरों तक किस उम्र में उन्हें उनके खुद के शरीर के बारे में, दूसरे शरीरों से उनके संबंधों के बारे में बताया जाए? कौन बताए?

किस तरह बताए? ऐसे बहुत से सवाल हैं, लेकिन जवाब देना तो दूर, जवाब सोचने से भी लोग कतराने लगते हैं। हिन्दुस्तान में सेक्स-शिक्षा शब्द ही बदनाम हो गया है, और अछूत हो गया है।

इसकी जगह शरीर संरचना जैसा कोई शब्द अगर शुरू से इस्तेमाल होता, तो भी भारतीय संस्कृति के लठैत-ठेकेदार उसे समझ नहीं पाते, और बच्चों का भला होता, लेकिन अब वह वक्त निकल गया है। इसी मुद्दे पर ‘छत्तीसगढ़’ के संपादक सुनील कुमार की एक छोटी सी बात। जनता की अदालत में आज यही जनहित याचिका।