बीते 16 मार्च 2023 को रात 10:00 बजे से शुरू हुई विद्युत कर्मियों की 72 घंटे की कार्य बहिष्कार हड़ताल को 3:00 बजे से पूरी तरह से बिना शर्त वापस लेने की घोषणा विद्युत संघर्ष समिति ने की और 03 दिनों से चली आ रही हड़ताल आज पूरी तरह से समाप्त हो गई. हड़ताल को 19 मार्च को रात 10 बजे 72 घंटे पूरे होने थे. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि मंत्री जी ने उनकी सभी मांगों को मान लिया है और कहा है कि अभी तक दर्ज किए गए सभी मुकदमे खत्म किये जाएंगे. जिसके बाद हड़ताल एक दिन पहले समाप्त लेने का फ़ैसला लिया गया. मंत्री एके शर्मा और कर्मचारी नेता ने संयुक्त रुप से हड़ताल खत्म होने की घोषणा की है.
संविदा कर्मियों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस होंगे
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ की गई संपूर्ण कार्रवाई को वापस लिया जाएगा. और इसके लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित भी किया कि अब तक कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में चाहे एफआईआर हो, निलंबन हो या अन्य किसी प्रकार की कार्रवाई की गई हो, इसे शीघ्र ही वापस लिया जाएगा. संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में वार्ता के माध्यम से हल किया जायेगा. ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए और जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर न हो, वह कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें.
बर्खास्तगी की प्रक्रिया होगी रद्द
बता दें कि प्रदेश के करीब डेढ़ हजार संविदा कर्मचारियों को ड्यूटी पर न लौटने की वजह से बर्खास्त कर दिया गया था. ये कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर 72 घंटे का धरना प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन अब उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं. सरकार ने धमकी दी थी कि अगर 18 मार्च को शाम 6 बजे तक कर्मचारी काम पर नहीं लौटे, तो सभी को बर्खास्त कर दिया जाएगा. उनकी जगह पर आईटीआई और अन्य डिग्री धारी युवाओं को ट्रेनिंग देकर संविदा पर ही तैनात कर दिया जाएगा.
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