नहर विवाद को लेकर होगी निर्णायक बैठक, किसान करेंगे पदयात्रा

नेतनागर में ग्रामीणों के आंदोलन छठवें दिन भी जारी

रायगढ़। नेतनागर में नहर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। केलो परियोजना के खिलाफ किसानों के धरने के छठवें दिन भाजपा, संघर्ष मोर्चा के अलावा लिटिल जूदेव ने भी नेतनागर जाकर अपना समर्थन दिया। किसान आंदोलन को नई दिशा देने शुक्रवार को निर्णायक बैठक आयोजित कर रणनीति तैयार होगी। वहीं, प्रभावित गांवों में पदयात्रा निकालने का भी फैसला हुआ है।



जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पुसौर ब्लॉक के ग्राम नेतनागर में केलो परियोजना की नहर खुदाई को लेकर प्रशासन के खिलाफ किसान सड़क पर उतरकर बीते 6 रोज से आंदोलन कर रहे हैं। छठवें दिन नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी, विलिस गुप्ता, सुरेंद्र पांडेय, जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा नेता राधेश्याम शर्मा तथा वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णुसेवक गुप्ता ने भी नेतनागर जाकर किसानों की मांग को जायज करार देते हुए उनका पक्ष लिया। वहीं राज्यसभा सदस्य रहे रणविजय प्रताप सिंह के पुत्र यश प्रताप सिंह को किसान आंदोलन की खबर लगते ही दोपहर में वे नेतनागर के मुख्य चौक पहुंचे तो आंदोलन स्थल पर बैठे किसान नेताओं ने फूलमाला से उनका आत्मीय स्वागत किया।

यश प्रताप ने कहा कि किसान अगर अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं तो नहर खुदाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने धरतीपुत्रों की इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलने का वादा भी किया। बैठक में  किसानों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अगर प्रशासन नहर में सालभर पानी देने का लिखित में आश्वासन दें तो वे नहर खुदाई के लिए जेसीबी का डीजल खर्च अपनी जेब से देने तैयार हैं। दिनभर शांतिपूर्ण तरीके से चले आंदोलन में विभिन्न वर्ग के लोगों से मिल रहे समर्थन से किसानों का मनोबल बढऩा लाजिमी भी है।

यही वजह है कि नहर खुदाई के खिलाफ आंदोलन को नई दिशा और ऊर्जा देने के लिए 17 मार्च की शाम 4 बजे नेतनागर में निर्णायक बैठक का आयोजन किसान कर रहे हैं। उन्होंने इस महत्वपूर्ण बैठक में राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं सहित उन बुद्धिजीवियों को भी आमंत्रित किया है जो अपने सुझाव और विचारों से आंदोलन को मजबूती दे सकें। इसके साथ ही नेतनागर से पदयात्रा निकालने का भी फैसला लिया गया है, जो नहर प्रभावित गांवों में जाएगी।