Regularization Authority Committee Meeting : आज चौदह सौ से अधिक अनाधिकृत निर्माण हुए नियमित, नियमों के सरल होने के बाद आसान और तेज हुआ नियमितिकरण

अब तक तीन हजार चार सौ से अधिक अनाधिकृत निर्माणों का नियमितिकरण

एक अप्रैल से बढ़ेगी फीस, नियमितिकरण के लिए जल्द करें आवेदन: कलेक्टर की अपील

रायपुर 15 मार्च । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नियमों के सरल होने के बाद जिले में घरों और प्लाटों पर अनाधिकृत तरीके से बनाएं गये भाग का नियमितिकरण अब तेजी से हो रहा है। रायपुर जिले में अब-तक तीन हजार 438 अनाधिकृत निर्माण कार्य नियमित किये जा चुके है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे की अध्यक्षता में आज नियमितिकरण प्राधिकार समिति की बैठक में भी एक हजार 410 प्रकरणों को नियमित किया गया है।

कलेक्टोरेट सभाकक्ष में हुई आज की बैठक में रायपुर नगर-निगम क्षेत्र के एक हजार 275, बीरगांव नगर निगम क्षेत्र के 101 प्रकरणों के साथ नगर निवेश क्षेत्रों के 34 अनाधिकृत निर्माणों को नियमित कर दिया गया। आज की बैठक में नियमित किए गए प्रकरणों में से रायपुर नगर निगम क्षेत्र में सबसे अधिक 979 प्रकरण आवासीय और 296 गैर आवासीय अनाधिकृत निर्माण के है। इस बैठक में नगर-निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी सहित रायपुर नगर-निगम के सभी जोनों के जोन कमिश्नर, बीरगावं नगर निगम के आयुक्त श्री कीर्तिमान राठौर, समिति के सदस्य सचिव और नगर निवेश विभाग के उप संचालक श्री डी पी एस पटेल सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

आज हुई बैठक में जिले में अनाधिकृत निर्माण कार्यों को नियमित करने पर निकायवार- जोनवार विचार किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास के नियमितिकरण अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रकरणों पर विचार करते हुए नियमितिकरण की मंजूरी दी गई। आज बैठक मंे नगर-निगम रायपुर के जोन एक में 181, जोन दो में 63, जोन तीन में 103, जोन चार में 44, जोन पांच में 104, जोन छह में 127, जोन सात में 103, जोन आठ में 153, जोन नौ में 172 तथा जोन दस में 225 प्रकरणों में अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने का अनुमोदन किया गया। इसी तरह बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 101, नगर एवं ग्राम निवेश क्षेत्र रायपुर में 14, कुर्रा और खरोरा निवेश क्षेत्र में 1-1, आरंग निवेश क्षेत्र में 12 और तिल्दा निवेश क्षेत्र में 6 अनाधिकृत निर्माण को नियमित किया गया है।

आज की बैठक में कलेक्टर ने नियमितीकरण के प्राप्त आवेदनों पर सभी प्रभारी अधिकारी से चर्चा कर नियमितीकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से जोन के सभी वार्डों के कमर्शियल एवं आवासीय प्रॉपर्टी की जानकारी लेकर नियमितीकरण के संबंध में नोटिस देने कहा। कलेक्टर ने प्रतिमाह 15 तारीख को अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण प्राधिकार समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। हर बैठक में पिछले माह में प्राप्त नियमितीकरण के सभी प्रकरणों का जोन स्तर पर जमीन के दस्तावेजों का सूक्ष्मता से जांच कर अनुशंसा सहित प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए। इसी तरह जिले के सभी नगरीय निकायों के सीएमओ और अनुविभागीय अधिकारी को नियमितिकरण की कार्यवाही तेजी से समय-सीमा में करने को कहा गया है।

कलेक्टर डॉ भुरे की अपील: एक अप्रैल से बढेगा शुल्क, अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने अधिक से अधिक लोग करें आवेदन

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों के निवासियों से अपने घरों या दुकानों में अनाधिकृत निर्माण को नियमित कराने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि 31 मार्च को चालू वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाएगा और नये वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से नगर निगम के अनुज्ञा शुल्क में पहले की तरह ही 10 प्रतिशत की बढोत्तरी हो जायेगी। ऐसे में अनुज्ञा शुल्क बढने से नियमितीकरण के लिए निर्धारित राशि भी बढ जायेगी। कलेक्टर डॉ भुरे ने अतिरिक्त वित्तीय भार से बचने के लिए अनाधिकृत निर्माण के नियमितीकरण के आवेदन 31 मार्च के पहले अधिक से अधिक लोगों द्वारा जमा कराने की अपील की है। 31 मार्च तक प्राप्त आवेदनों पर चालू वित्तीय वर्ष अनुसार ही शुल्क लिया जाएगा।

अनाधिकृत निर्माण के नियमितीकरण के नियमों को प्रशासन ने बहुत सरल कर दिया है। अब लोग आसानी से आवेदन देकर निर्धारित शुल्क जमाकर अपनी अनाधिकृत निर्माण को नियमित करा सकते है। अब नये नियमों के तहत ही आवेदन लिए जा रहे है। इसके लिए संबंधित नगर-निगम या नगरपालिका परिषद् के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। निगम या पालिका की सीमा के बाहर निवेश क्षेत्र के अन्दर के अनाधिकृत निर्माण को नियमित कराने के लिए नगर निवेश कार्यालय में आवेदन जमा होंगें। आवेदक को आवेदन के साथ मकान के कागजात, मकान के फोटोग्राफ्स, मकान का आर्किटेक्ट द्वारा बनाए गए नक्शा और संपत्ति कर या बिजली बिल की रसीद भी संलग्न करनी होगी।