कलेक्टर ने पत्ताकेला व बगडोल में देवगुड़ी विकास कार्य के संबंध में पुजारियों से ली जानकारी

देवगुड़ी उन्नयन के माध्यम से सरकार आदिवासियों के आस्था स्थल को संवारने का कार्य कर रही : पुजारी

जशपुरनगर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जशपुर जिले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान किए घोषणाओं का गंभीरता से क्रियान्वयन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के घोषणा अनुरूप आस्था से समृद्धि की कड़ी जोड़कर आदिवासी क्षेत्र के उत्थान की अनूठी पहल शुरू हुई है। जिले के सभी विकासखंडों में आदिवासियों के आस्था स्थल देवगुड़ी को संवारने का कार्य किया जा रहा है।

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने आज वीडियो कॉल के माध्यम से बगीचा विकासखंड के ग्राम पंचायत कुटमा के पत्ताकेला व ग्राम बगडोल में आदिवासियों के देवस्थल, देवगुड़ी के उन्नयन व कायाकल्प कार्य के संबंध में सम्बंधित पुजारियों से चर्चा की। उन्होंने पुजारियों को देवगुड़ी स्थल के निर्माण के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनसे देवगुड़ी विकास के बारे में उनके विचार जाने। साथ ही उनसे शासकीय योजनाओं से मिल रहे लाभ के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली।

पत्ताकेला देवगुड़ी के पुजारी पुरनो राम ने देवगुड़ी निर्माण से मिल रही खुशी को व्यक्त करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों की परंपरागत देवगुड़ी स्थल का कायाकल्प कर इसे आधुनिक स्थल के रूप में बदला है। देवगुड़ी की ओर से यहां की अमूल्य संस्कृति व धरोहर को संजो के रखा जा सकेगा। जिससे आदिवासियों की विभिन्न संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, रहन-सहन, आभूषण व बोली संरक्षित रहेगी। साथ ही इसके द्वारा पर्यटक भी देवगुड़ी की तरफ से आकर्षित हो रहे है। पर्यटको को आदिवासी अंचल की सभ्यता व संस्कृति को करीब से महसूस करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि जशपुर जिला विभिन्न आदिवासी समाज की संस्कृतियों को संजोये हुए है यहां हर गांव में परंपरा अनुसार एक आस्था स्थल है। उस स्थान को ही वनवासी पारंपरिक भाषा में देवगुड़ी कहते है। देवगुड़ी में गांववालो की आस्था बसती है। गाँव मे कोई भी त्योहार बिना देवगुड़ी के सम्पन्न नहीं होता है। गांव मे आस्था के प्रतीक स्वरूप देवगुड़ी का संरक्षण व कायाकल्प करने का कार्य जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। जिससे आमजनो को अत्याधिक प्रसन्नता हो रही है।

इसी प्रकार बगडोल पंचायत के देवगुड़ी के पुजारी ईश्वर राम ने भी जानकारी देते हुए बताया कि देवगुड़ी के विकास से आदिवासियों के प्राचीन परंपरा को जोड़कर रखा गया है। साथ ही इस योजना के माध्यम से आदिवासियों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके गांव में शिव मंदिर प्रांगढ़ में 3 लाख की लागत से देवगुड़ी विकास का कार्य किया गया है। जहां ग्रामीण अपने लोक त्यौहार व अपने घरेलू कार्यक्रमों के अवसर पर पूजा पाठ करते है। उनके आस्था के केंद्र देवस्थल के उन्नयन होने से क्षेत्रवासियों में प्रसन्नता व्याप्त है। देवगुड़ी के पुजारियो ने बताया कि उन्हें विभिन्न शासकीय योजनाओं के माध्यम से लाभ भी मिल रहा है। भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि भी मिल रही है। इसक ेलिए उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को धन्यवाद  दिया है।