BIG BREAKING : Retired IAS के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज

भोपाल, 12 मार्च । फर्जी नाम से अदालत में न्यायाधीश व वकीलों के विरुद्ध शिकायती आवेदन भेजने के मामले में क्राइम ब्रांच ने सेवानिवृत्त आइएएस निसार अहमद के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया है। वह वक्फ बोर्ड के प्रशासक भी रह चुके हैं। इस मामले में शिकायत तारिक सिद्दीकी ने शिकायत की थी, जो जांच में सत्य पाई गई।

क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक शाहजहांनाबाद निवासी वकील तारिक सिद्दीकी ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें बताया था कि कुछ न्यायाधीशों को डाक के जरिए एक पत्र मिला था। उसमें प्रेषक के स्थान पर राजेश मेहरा, अधिवक्ता निवासी बागमुगालिया लिखा था। पत्र में कुछ न्यायाधीशों एवं भोपाल अदालत के कुछ वकीलों के बारे में अशोभनीय बातें लिखते हुए मिथ्या आरोप लगाए गए थे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए क्राइम ब्रांच को पत्र लिखा था।

पुलिस को ऐसे मिला सुराग

जांच में पता चला कि पत्र 28 जनवरी 23 को जुमेराती स्थित एक छोटे से पोस्ट आफिस से भेजा गया था। वहां सीसीटीवी नहीं लगे होने से विशेष साक्ष्य नहीं मिले। उधर जांच के दौरान पता चला कि पत्र शाहजहांनाबाद एक टाइपिंग की दुकान पर टाइप कराया गया था। पूछताछ में टाइपिंग दुकान के संचालक शादाब अहमद ने पुलिस को बताया कि यह पत्र राशिद गौरी नाम का व्यक्ति टाइप करवाने लाया था।

राशिद ने पूछताछ में बताया कि सेवानिवृत्त आइएएस निसार अहमद ने अपने घर बुलाकर उसे यह पत्र टाइप कराकर लाने को बोला था। तब वहां दो-तीन लोग और बैठे थे। जांच में यह भी पता चला कि बागमुगालिया क्षेत्र में राजेश मेहरा नाम का कोई भी अधिवक्ता नहीं रहता है। जिला बार एसोसिएशन ने भी इस बात की पुष्टि की थी। जांच के बाद शुक्रवार रात क्राइम ब्रांच ने आरोपित निसार अहमद के खिलाफ कूटरचित पत्र लिखकर लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।