रायपुर,11 मार्च । प्रदेश की राजधानी रायपुर स्थित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की परीक्षा में शामिल हो रहे कैदियों की पहली पसंद कला संकाय विषय बना हुआ है। वाणिज्य संकाय के एक-दो छात्रों को छोड़ दिया जाए तो सभी परीक्षार्थी कला संकाय के ही हैं।
वहीं विज्ञान संकाय का चुनाव एक भी छात्र नहीं करता। विज्ञान विषय का चुनाव करने पर कैदियों को प्रायोगिक परीक्षाएं भी दिलानी होंगी, जिसके लिए लैब आवश्यक है। इसकी सुविधा जेल में नहीं मिल पाती तथा कॉलेज जाकर लैब में प्रायोगिक कार्य करने की छूट कैदियों को नहीं होती है। कला संकाय लेने पर परीक्षार्थियों को विशेष कोचिंग या इस तरह की अन्य आवश्यकताएं नहीं होती हैं। इसके चलते पढ़ाई के इच्छुक कैदी इसे ही चुनते हैं।
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रविवि की वार्षिक परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू हुई हैं जिसमे 117 कैदियों ने इसके लिए आवेदन किया। इनमें से बीए के 73, एमए के 40, बीकॉम के तथा एमकॉम में एक ही परीक्षार्थी है। न केवल वर्तमान शैक्षणिक सत्र में, बल्कि बीते पांच सालों में यही ट्रेंड रहा है। कोरोनाकाल के दौरान रविवि ने लगातार तीन वर्ष 2020, 2021 तथा 2022 में सेमेस्टर व वार्षिक परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में ली थीं।
परीक्षार्थियों को घर बैठे उत्तर लिखने की छूट मिली थी तो कैदियों को भी अपनी बैरक में ही पर्चे हल करने थे। कोविड के दौरान मिली छूट के बाद भी कैदियों की पसंद में कोई बदलाव नहीं आया। बीते तीन वर्षों के दौरान भी एक-दो को छोड़कर अधिकतर कैदियों ने कला संकाय ही चुना। साल 2019 में रविवि की वार्षिक परीक्षा में 103 कैदी शामिल हुए इनमें से 72बीए, 30 एमए और एक परीक्षार्थी एमकॉम का रहा।
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वहीं 2020 में 32 कैदियों ने परीक्षा दिलाई थी इनमें 86 बीए, 44 एमए तथा बीकॉम और एमकॉम के एक-एक छात्र रहे। इसी तरह, साल 2021 में परीक्षा में शामिल 93 कैदियों में से अकेले बीए के 73 परीक्षार्थी रहे, एमए के लिए 8 तथा बीकॉम और एमकॉम में एक-एक पराक्षार्थी ही पंजीकृत हुए।
साल 2022 में 24 कैदियों ने परीक्षा दिलाई थी। इनमें बीए के 82 व एमए के 40 छात्र थे। बीकॉम और एमकॉम की परीक्षा में इस वर्ष भी एक-एक परीक्षार्थी ही शामिल हुए। साल 2023 में 7 कैदी शामिल हो रहे हैं। इनमें से 73 बीए व 40 एमए के हैं। बीकॉम में 3 व एमकॉम में एक परीक्षार्थी ही है।
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