जल संरक्षण और इसका प्रबंधन हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण : राष्ट्रपति

नई दिल्ली ,06 मार्च  राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 प्रदान किया और जल शक्ति अभियान: कैच द रेन -2023 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के जीवन में जल और स्वच्छता का विशेष स्थान है। लेकिन ये मुद्दे महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं, क्योंकि आमतौर पर महिलाओं का ही उत्तरदायित्व होता है कि वे अपने घर में पीने के पानी की व्यवस्था करें। गांवों में उन्हें पीने के पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता था। पीने के पानी की व्यवस्था करने में न केवल उनका बहुत समय लगता था बल्कि उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ जाता था। आमतौर पर स्कूल/कॉलेज जाने वाली लड़कियां भी अपने बड़ों के साथ पानी की व्यवस्था करने में लगी रहती थीं, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होती थी। इन समस्याओं को दूर करने के लिए भारत सरकार ने विशेष उपाय किए हैं।

सरकार जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी पहलों के माध्यम से स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं प्रदान कर रही है। राष्ट्रपति ने बताया कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आज 11.3 करोड़ से अधिक घरों को नल से पीने योग्य पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं पहले पानी लाने में समय लगाती थीं, अब उस समय का उपयोग वे अन्य उत्पादक कार्यों में कर रही हैं। नल के स्वच्छ पानी से उन शिशुओं के स्वास्थ्य में भी उल्लेखनीय सुधार दिखा है जो प्रदूषित पानी के कारण डायरिया और पेचिश जैसी जल जनित बीमारियों के शिकार हो जाते थे।

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राष्ट्रपति ने जल संरक्षण और जल प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि हमारे देश में जल संसाधन सीमित हैं और इसका वितरण भी असमान है। विश्व की लगभग 18 प्रतिशत आबादी भारत में निवास करती है, लेकिन यहां विश्व के केवल 4 प्रतिशत जल संसाधन उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, इस पानी का अधिकांश भाग वर्षा के रूप में प्राप्त होता है, जो नदियों और समुद्रों में बह जाता है।

इसलिए जल संरक्षण और इसका प्रबंधन हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। आज हम जलापूर्ति के लिए परंपरागत साधनों की अपेक्षा संस्थागत साधनों पर अधिक निर्भर हैं। लेकिन स्थायी जल आपूर्ति के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के साथ-साथ जल प्रबंधन और जल संचयन के पारंपरिक तरीकों को पुनर्जीवित करना समय की मांग है। जल संरक्षण और इसके प्रबंधन के लिए सभी हितधारकों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह प्रयास न केवल अपने लिए बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के लिए भी करने की आवश्यकता है।