रायगढ़ ,05 मार्च । कोविड-19 बाद देश में हो रहे राजनीतिक आर्थिक सामाजिक व सांस्कृतिक परिवर्तनों के कारण शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक परिवर्तन हो रहे हैं। नवाचार वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की भीड़ है ।इसी के महत्व पर जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा में कृष्ण कुमार पटेल जो कि राष्ट्रीय पुरस्कृत शिक्षक और वर्तमान में डिजिटल शिक्षा के मेंटर भी है, ने अपनी बात की चौथी कड़ी “विज्ञान में नवाचार -प्रयोग परियोजना और प्रौद्योगिकी” विषय पर वेबीनार का आयोजन किया।
प्राचार्य एबी सक्सेना ने नवाचार की उपयुक्तता और वेबीनार चर्चा से कुछ नए प्रतिफल की उम्मीद के साथ अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के संयोजक कृष्णा पटेल चर्चा की शुरुआत करते हुए बताया कि वर्तमान शिक्षण संक्रमण काल से गुजर रहा है, जहां नए और पुराने शिक्षण विधि के मिलन से एक नई विधि हाइब्रिड लर्निंग मॉडल, हमारे नवाचार शिक्षण को लचीला बनाएगा। साथ ही विज्ञान के परंपरागत मॉडल और प्रोजेक्ट द्वारा बच्चे अपनी भावनाओं और सपने को साझा करेगें।
मुख्य वक्ता डॉ धनंजय पांडे जो शासकीय स्वामी आत्मानंद बहु.उच्च.माध्य. विद्यालय बिलासपुर के गणित के वरिष्ठ व्याख्याता हैं और छत्तीसगढ़ राज्य के अटल टिंकरिंग लैब के प्रभारी हैं, ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान छात्रों को अब अनुसंधान विकास को आगे बढ़ाने के लिए आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग की जरूरत है। समुदाय के समस्याओं को पहचान कर उन्हें आइडियेट करके प्रोटोटाइप तैयार करना होगा। डिजाइन थिंकिंग के द्वारा बाजार के मांग के अनुरूप अविष्कारशील दिमाग विकसित कर अपने कौशल विकसित करने होंगे।
वेबीनार के अगले क्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शैल कुमार पांडे जो कि राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक हैं , वर्तमान में प्रधान पाठक के रूप में मसानिया खुर्द में पदस्थ हैं और कबाड़ से जुगाड़ द्वारा मॉडल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं, उन्होंने बताया कि सही मार्गदर्शन से सरकारी स्कूल के बच्चे सीमित संसाधन में भी अपने हुनर द्वारा विज्ञान के मॉडल बना सकते हैं जो लोगों की सोच भी बदल सकती है। उन्होंने स्वयं वेबीनार में लाइव कुछ मॉडल बनाकर दिखाएं।
डीआर चंद्रा भौतिक शास्त्री और एटीएल प्रभारी नवोदय विद्यालय डोंगरगढ़ ने वेबीनार चर्चा “अपनी बात” कार्यक्रम को को सीखने सिखाने का अभिनव प्लेटफार्म बताया। कामतानाथ तिवारी प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झलमला के अनुसार यह मंच और इसके रिसोर्स पर्सन वर्तमान पठन-पाठन के लिए एक नई उम्मीद है। टॉपिक हाइब्रिड मॉडल सीखने सिखाने का एक नया दृष्टिकोण है।
वरिष्ठ हिंदी शिक्षक राजेश्वर प्रसाद तिवारी ने सभी रिसोर्स पर्सन और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि शिक्षक नए कौशल सीख कर खुद को भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। इस वेबीनार में झलमला संकुल रायगढ़ के सभी विद्यालय , स्वामी आत्मानंद विद्यालय सरायपाली , मल्टीपरपज बिलासपुर, नवोदय विद्यालय सरायपाली व डोंगरगढ़ के अलावा मसानिया खुर्द सक्ति के शिक्षकों छात्रों और पालकों की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम की रूपरेखा, परिकल्पना और संयोजन का कार्य कृष्णा पटेल (विज्ञान शिक्षक) तथा तकनीकी सहायता मोइन खान और ढालेश पटेल ने की।
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