रायपुर ,04 मार्च । जैन समाज के आस्था का केंद्र धर्मनाथ जिनालय एवं जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी की प्रतिष्ठा उपरांत द्वार उद्घाटन विधान के साथ परमात्मा की पूजा सकल संघ के लिए प्रारम्भ हो गई। शनिवार को सर्व प्रथम 4.30 बजे नूतन दीक्षार्थियों की बड़ी दीक्षा संपन्न हुई उसके बाद गच्छाधिपति आचार्य भगवंत जिनमणिप्रभ सूरीश्वर एवं आचार्य भगवंत पियूष सागर सूरीश्वर का आशीर्वाद लेकर सकल संघ ने मंदिर की प्रतिष्ठा उपरांत द्वार उद्घाटन विधान किया।
प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रारंभिक दिवस पर खारुन नदीं से जो शुद्ध जल लाया गया था उसी से आज प्राक्षल पूजा हुआ। अभिषेक के बाद द्वारोद्घाटन हुआ तो प्रथम दर्शन के लिए सैकड़ों लोग पट खुलने का इंतजार करते खड़े थे। जय गुरुदेव के उद्घोष से पूरा दादाबाड़ी परिसर गूंज उठा। सुबह सूर्योदय के साथ प्रथम अष्टकारी पूजा एवं मंगल आरती हुआ। पश्चात जिनमंदिर में सतरह भेदी पूजा हुआ। दादा गुरुदेव की प्रथम पूजा के बाद सकल संघ ने भी शनिवार से नियमित पूजा प्रारंभ कर दिया।
ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय कुमार भंसाली, ट्रस्टी त्रिलोकचंद बरडिय़ा, राजेन्द्र गोलछा (हेमू) एवं उज्जवल झाबक ने बताया कि जीर्णोद्वार मार्गदर्शक व प्रतिष्ठाचार्य पूज्य गुरुदेव मरुधरमणि अवंति तीर्थोद्वारक, खरतरगच्छाधिपति आचार्य प्रवर जिनमणिप्रभसूरीश्वर व पावन निश्रा छत्तीसगढ़ श्रृंगार आचार्य प्रवर जिनपीयूषसागरसूरी के आर्शिवचन से श्रीधर्मनाथ जैन मंदिर एंव जिनकुशलसूरि दादाबाड़ी प्रतिष्ठा समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। रत्नपुरी नगरी की खुबसूरत बसाहट, नाट्य मंचन से विधान की जीवंत प्रस्तुति व देश भर से पहुंचे सकल जैन संघ के हजारों लोगों की उपस्थिति से दस दिवसीय यह महोत्सव एक ऐतिहासिक आयोजन के रूप में याद किया जायेगा। इस मौके पर विभिन्न संघों के ट्रस्टियों का सम्मान भी किया गया।
आवास, वाहन, भोजन आदि की बहुत ही सुन्दर व्यवस्था महोत्सव समिति के सदस्यों ने नि:शुल्क किया था। समापन अवसर पर सभी देवी देवताओं द्वारा प्रतिष्ठा हेतु सु योग प्रदान करने हेतु उनकी पूजा अर्चना की गई एवं क्षत्रपाल देवताओं का उत्थापन आदि क्रिया संपन्न कराया गया। ऋषभ देव ट्रस्ट मंडल एवं महोत्सव समिति ने सकल संघ से इस महोत्सव को सफल बनाने में दिए सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया है।गच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वर एवं साधु साध्वी भगवंत कोरबा मंदिर प्रतिष्ठा के लिए पैदल विहार कर गए है। आचार्य पियूष सागर सूरीश्वर लालपुर मंदिर भूमि खनन मुहूर्त में शामिल हुए। रात्रि में दादाबाड़ी में मुंबई से आये कलाकारों द्वारा भक्ति सत्संग की प्रस्तुति दी गई।
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