दुर्ग ,03 मार्च । चिटफंड निवेशकों को राहत दिलाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए तेजी से कार्य करें। इसके लिए चिटफंड कंपनियों की संपत्ति पर कुर्की आदि की कार्रवाई करें। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में विस्तार से अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जनचौपाल में कई ऐसे प्रकरण आते हैं जिसमें हितग्राही ऋण लेने के लिए अपनी जमीन को बैंक में बंधक रख देते हैं। ऋण चुकता किए बिना ही बंधक रखी जमीन को बेच देते हैं। ऐसे प्रकरणों में नायब तहसीलदार उचित कार्यवाही करें। उन्होंने राजस्व से संबंधित प्रकरणों को जल्द से जल्द निराकृत कर प्रकरणों को रिकार्ड रूम में संकलित करने को कहा।
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कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में जमीन से जुड़े सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, राजस्व वसूली, नक्शा बटांकन, डायवर्सन आदि प्रकरणों को निर्धारित समय सीमा में निराकृत करने के निर्देश दिए। बैठक में सभी विकासखण्ड के एसडीएम व तहसीलदार उपस्थित थे। सामाजिक संस्थाओं की मांग पर शहर से बाहर खाली पड़ी जमीन को चिन्हांकित कर भूमि आबंटित किये जाने संबंधी कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने रीडर की अनुपस्थिति में तहसील कार्यालय में कार्यरत सहायक ग्रेड को प्रशिक्षण देने को कहा। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा रही है। ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर निवेशकों को राशि वापस की जा रही है।
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